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बुगचो हाजर ला ओ छोरी नायां-की ! गहणो तो पहरो रतन-जड़ाव-रो नानी मोंढां सीस गुंथावो भोळी नणदल ! चोटी घालो वासग-नाग ज्यूं सींपां भर सुरमो सारो भोळी नणदल ! टीकी देवो लाल सिंदूर-री पहरो हांस गळा-में भोळी नणदल ! ऊपर तो पहरो वांको वाड़लो साड़ी-रै सळ घालो ओ भोळी नणदल ! काले रेसम-री पैरो कांचळी लूम-लूमाळा कसणा बांधो ए भोळी नणदल ! गोरोडै पूंचां पर गजरो गैंद-रो वयां-री ईंढोणी करू ए भावज म्हारी ! क्या-रो तो करू जल-रो बेवड़ो? मोत्यां-री करो ईंढोणी ओ नणदल म्हारी ! रूपै-रो तो करो मे जल-रो बेवड़ो चालो पाणीड़े तलाव नणदल म्हारी ! निजरां-रो मेळो परण्यो सायबो झठी जोर बोले ओ भोळी भावज ! म्हारो तो परण्योडो नागाणे देस-में । झूठी बोलू तो रामदुहाई भोळी नणदल ! म्हारो तो नणदोई थारो सायबो ले लो साथ सहेली भोळी नणदल ! ......... परण्यै-री करो पिछाणा भोळी नणदल ! कांई तो सैनाणी परण्यो सायबो ? भंवर परा वल घणो भोळी भावज ! वांकड़ली मूछाळो परण्यो सायबो परणी-री पिछाण करो ल्होड़िया बैनोई ! कांई तो सैनाणी तेजाजी-री गोरड़ी सगळां-में सुघड़ घणी .....सहंस किरणां में तो सूरज ऊगियो
[४] साला नै जाय जुहारथा कंवर तेजाजी साला नै जंहारया चौपड़ खेलता मानो राम-जुहारा साळां म्हारां! मुजरो तो मानो तेजाजी-रै साथ-रो मान्या राम-जुहारा ल्होड़ा बैनोई ! मुजरो तो मान्यो तेजाजी-रै साथ-रो पोतो हाजर ला रे छोरा चाकर-का ! अमला-री मनवारां तेजाजी-रै साथ-री सासू-नै जाय जुहारी कंवर तेजाजी सासू-नै जुहारी महीड़ो घमोड़ती मानो राय-जुहारा सासू म्हारी ! मुजरो मानो तेजाजी-रै साथ-रो नित-रा क्या-रा राम-जुहारा लीले घोड़े आळा ओ घर खायो नुगरा पाबणां आया ज्यूं रे पाछा घिरो लीला रेवत । ............."
मुखड़ा-सैं बोल संभाळ जरणी माता ! घर आया साजन-नै दीनो ओळभो ले लै रुपियो रोक ओ लालां पाडोसण ! घड़ी दोय विलमावो परण्यै स्याम-नै थारा-नै तूं ही मनाय पेमल गोरी ! .........." साळी थारी लंबी लगाम कंवर तेजाजी ! गोरी तो लूनी पग-रै पागड़े साळी-नै सेल वायो रे कंवर तेजाजी ! गोरी-नै वायो वळतो ताजणो करी गजब इन्याय अजरणी माता! घर आया साजन-नै दीनो ओलभो खाजो काळो नाग कंवर तेजाजी ! म्हारी ककू-री ढेरी-नै वायो ताजणो
विविध : ३२३
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