________________
स्वर्गवास के पश्चात् विमान की तैयारी.
अन्तिम संस्कार के लिए प्रस्थान.
बड़ा काष्ठ-पट्ट जिसपर संलेखना
ग्रहण की.
स्वामीजी का काष्ठ-पात्र
स्वाध्याय-पुस्तक तथा यष्टिका स्वामीजी के दो उपनेत्र
Jain Education Intematonal
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org: