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लेखक परिचय : ११
श्री कन्हैयालाल लोढा-जन्मस्थान धनोप (भीलवाड़ा-राजस्थान) । साधारण स्वास्थ्य और सादे रहन-सहन में वैचारिक वैभव, विशाल अनुभव
और प्रतिभा आप में विद्यमान है । आप की मेधाशक्ति बड़ी तीव्र है । अनेक विषयों का तुलनात्मक अध्ययन रेखागणित में प्रयोज्यमान निगमनप्रणाली से अध्यात्म जैसे निगूढ़ सिद्धान्त का सहज वर्णन कर देना आप की विशिष्ट प्रतिभा का परिचायक है।
श्री कमला जैन 'जीजी'---आप पं० शोभाचन्द्र जी भारिल्ल की ज्येष्ठ पुत्री हैं। , गद्य और पद्य दोनों पर आपका अच्छा अधिकार है। आपके द्वारा सम्पादित 'नारीजीवन' पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। अनेक कवितासंग्रहों में आपकी कविताएँ प्रकाशित हुई हैं। वर्तमान में राणावास (राज.) के महावीर जैन बालिका विद्यालय की प्रधानाध्यापिका हैं ।
श्री कलावती जैन-बहिन कलावती जम्मू की निवासिनी, अतीव विनम्र, धर्मप्रिय और उत्साहमूत्ति महिला हैं। महासती श्री उमरावकुवरजी की काश्मीरयात्रा के समय आपने उनकी सराहनीय सेवा की । जम्मू में बालिकाओं के धर्मशिक्षण की सूत्रधार हैं। स्वयं स्वाध्यायशीला हैं।
कस्तूरचन्द कासलीवाल-डा० कासलीवाल संस्कृत, हिन्दी एवं राजस्थानी भाषा के माने हुये विद्वान् हैं। आपने राजस्थान के ७०-८० जैन ग्रंथ भण्डारों का शोधन करके उनकी विस्तृत सूचियां तैयार की हैं। 'राजस्थान के जैन ग्रंथभण्डार' पर ही आपने अंग्रेजी में शोधप्रबन्ध लिखा है जिस पर राजस्थान विश्वविद्यालय ने सन् १९६१ में पी-एच. डी० की उपाधि से सम्मानित किया। आप की इस खोज के फलस्वरूप अपभ्रश-हिन्दी-राजस्थानी की सैकड़ों अज्ञात रचनायें प्रकाश में आ गयी हैं । अब तक निम्न पुस्तके प्रकाशिक हो चुकी हैं
१. राजस्थान के जैन शास्त्रभण्डारों की ग्रंथसूची भाग प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ भाग । २. प्रशस्तिसंग्रह । ३. प्रद्युम्नचरित । ४. बनारसीविलास।
८० से भी अधिक खोज पूर्ण लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं.
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