________________
श्री हरिभाऊ उपाध्याय
[ ३७
रूप में ऊंचे पद पर आसीन किया। प्राज इस विभाग में मुनिजी महाराज से ही प्रेरणा पाये हुए उनके साथी काम कर रहे हैं। उनकी विद्वत्ता और पुरातत्व के महानज्ञाता होने के कारण ही तो वे अहमदाबाद के गुजरात विद्यापीठ के प्राच्य प्रतिष्ठान के प्राचार्य रहे, भारतीय विद्या भवन बम्बई के डाईरेक्टर पद को सुशोभित किया तथा शान्ति निकेतन में मुख्याधिष्ठाता रूप में वहां के जैन श्रासन को सुशोभित किया।
८५ वर्ष से अधिक उम्र होने पर भी आज उनमें जो कार्यशीलता, उत्साह और प्रेरक शक्ति दृष्टिगोचर होती है, वह अद्भुत है। परमेश्वर इस मनीषी पुरुष को राष्ट्र और जनसेवा के लिए चिरकाल तक स्वस्थ-सुखी रखे, यही मनोकामना है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org