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जहांगीर नो विधर्मी पवित्र पुरुषो प्रत्येनो आदर
मां पानंद मले छे. तेमनां घर पसंद करीने तेमने त्यां ते जाय तेरो जे भोजन पोताने माटे तैयार करे छे तेमांथी पांच कोलिया भीख तरीके तेश्रो पासे थी तेनी हथेली मां ले छे अने खाव्या बिना ते प्रोगाली जाय छे. तेम करी तेनी स्वादेन्द्रिय ने तेनी लहेजत प्राप्तथया देतो नथी ? ते भीख माटे जाय ते मां शरतो छ के आपनारने मुसीबत न पडे अने तेना घर मां कोई स्त्री प्रसव वाली तेमज मासिक धर्म मां न होय.एन नियमोप्रा त्रण घरो मां पलाय छे. मैं जे आलख्यु ते मुजब तेनु जीवन चाले छे. ते कोई ने मलवानी इच्छा राखतो न की; परंतु तेनी घणी ख्याति थई गई ते थी लोको तेनां दर्शन करवा तेनी पासे जाय छे. ते ज्ञान सम्पन्न छे. वेदांत नु ज्ञान जे तसब्बुफ (सूफीवाद) नुज्ञान छे ते मां ते निष्णात छे, छः घड़ी तेनी पासे हुँ रह्यो अने घणी वातो तेनी साथे करी, तेनो मारा उपर भारे प्रभाव पड्यो. मारी चर्चानी तेना उपर पण असर थई. मारा वालिदे ( अकबर ) असीरगढ़ अने खानदेश ( ई० स० १५६६१६०० ) जीत्यां अने आग्रा गया ते बखते एजस्थले तेमणे तेने जोय हता अने तेने घणी सारी रीते याद करता हता".
जहांगीर हि० स० १०२७ ( ई० स० १६१८ ) मां अहमदाबाद थी पाछी उज्जैन गयो त्यारे फरीथी तेनी मुलाकाते गयो. हजी' तेअंगे तेणे लख्यु छ के “जदरुप ने मलवाने मारुदिल तलपापड़ थयु. बपोरनी नमाज पछी होड़ी मां बेसने तेनी मुलाकात करवा उतावलो हँगयो. अने सांजना तेने एकांतवास ना खूणां मां हं दोड़ी पहँच्यो. तेनी साथे में बात करी.
इलाही ज्ञानना चार भेद विषे तेनी पासे थी अनेक बाबतो में सांभली-ने तसव्वफ अंगेनी वातो निर्मल दिल थी स्वाभाविक पद्धति ए करे छे. तेनी साथ चर्चा करवा मां अानंद आवे छे. तेनी वय साठ साल जेटली छे. बावीस वरस थी तेणे दुन्यवी संबंध तोड़ी नाखेला छे. अने ब्रह्मचर्य ना धोरो रस्ता उपर कदम मोकेलो छे. आठ साल थी ते नग्नजेबी अवस्था मां रहे छ. में विदाय लीधी त्यारे तेरणे कह्म के 'हुँ अल्लाह ना आ उपकार कई भाषा मां मानु के आवा इन्साफमन्द बादशाह ना जमाना मां हैं शांतिमय दिल थी परमात्मानी भक्ति मां लीन रहुं छु. अने कोई पणरीते तकलीफ नी धूल मारा मवसदना दामन उपर चोंटती न थी".
हि० स० १०२८ ( ई० स० १६१६ ) मां जहांगीर मथुरा मां पहोंच्यो त्यारे जदरूप त्यांहतो. ए समाचार मलतां तेना आनन्द नो पार रह्यो नहि. ए अंगेनी नोंध करता ते जणावे छे२ के, "उज्जैन थी गोंसाई जदरूपे हिंदुनोना तिर्थ स्थान मथुरा मां स्थलांतर करेलु छे अने ते परमात्मा ना ध्यान मां लीन रहे छे. ए खबर मने मली त्यारे तेमना दर्शन करवा मारु दिल अधीरु बन्यु. शुक्रवार ने दिवसे हैं उतावले पगे गयो. अने लांबो समय एकांत मां निरांते कोई पण प्रकारनी बातचीत कर्या बिना त्याँ रह्यो. खरे खर तेनी हस्ती गनीमत छे. तेनी साथे बेसबा मां आनन्द आवे छे. अने लाभ थाय छ ।
१. तुजुके जहांगीरी पृ० २५४-२५५ २. वही पृ० २८२
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