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________________ 0 बच्छराज अभानी रिसर्च सेन्टर, हावड़ा है जिसमें सभी समाज व सम्प्रदाय के लोगों ने सहर्ष तन-मन-धन से सहयोग दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में तो विद्यालय एवं सभा ने सिर्फ जैन समाज की शिक्षण संस्थाओं में ही नहीं वरन् कलकत्ते की सभी शिक्षण संस्थाओं में अपनी साख जमाई है। स्कूल के विद्यार्थियों का अनुशासन सराहनीय रहा है। विद्यालय के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षाओं के शत्प्रतिशत् परिणाम ने एक कीर्तिमान स्थापित किया है। यह विद्यार्थियों की पढ़ने में लगन, रुचि एवं परिश्रम के साथ अध्यापकों की भी दिल से पढ़ाने की तन्मयता एवं आशीर्वाद का फल है। सम्पूर्ण समाज की शुभकामनाओं और सहयोग से एवं स्थानकवासी सदस्यों की सभा के प्रति समर्पण भावना से पदाधिकारियों को भी नि:स्वार्थ भाव से संस्था को सेवा देने की शक्ति और प्रेरणा मिलती रही है और मिलते रहने की अपेक्षा है ताकि सभा द्वारा संचालित सभी शिक्षा और सेवा संस्थान दिनप्रतिदिन प्रगति और उन्नयन के मार्ग पर बढ़ते रहें। इसी आशा और विश्वास के साथ - समारोह की सफलता की शुभ कामना करता हूँ। अध्यक्ष- श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा शिक्षण संस्थाओं में अग्रणी अत्यन्त प्रसन्नता की बात है कि हमारी सभा की प्लेटिनम जुबिली वर्ष के प्रथम आयोजन के रूप में श्री जैन विद्यालय हावड़ा की यशस्वी शैक्षणिक यात्रा की दशवीं वार्षिकी १२ मई २००२ को नेताजी इन्डोर स्टेडियम में मनाने जा रहे हैं। गत् ७५ वर्षों से संस्था साधना, शिक्षा और सेवा के कार्यों में निरन्तर बढ़ती जा रही है। इसका मूल श्रेय सिर्फ पदाधिकारियों को ही नहीं वरन् सभा के सभी सदस्यों का सभा के प्रति पूर्ण समर्पण और सहयोग की भावना सभा की सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं गौरवशाली बात तो यह है कि सभा के पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी समिति व सदस्यों आदि का चुनाव सर्वसम्मति से होता है न कि पद के लिये किसी प्रकार की प्रतिद्वन्द्विता से। इसके प्रतिकूल सुयोग्य व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें पद सम्भालने के लिये सभी सदस्य विशेष अनुरोध करते हैं एवं प्रभाव डालते हैं। सभा के सभी सदस्य पदाधिकारियों को सर्वदा हार्दिक सहयोग देते रहते हैं। __पदाधिकारियों ने भी सभी समाज के प्रति शुभकामना एवं समन्वय तथा एकता की भावना रखते हुए साम्प्रदायिकता के अहम् की लहर में न बहते हुए सिर्फ स्थानकवासी समाज ही नहीं वरन् समस्त जैन समाज के लोगों के हृदय को जीता है जिसका जीता जागता प्रमाण श्री जैन विद्यालय, हावड़ा एवं श्री जैन हॉस्पीटल एण्ड शिक्षा-एक यशस्वी दशक सभा खण्ड/८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012030
Book TitleJain Vidyalay Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherJain Vidyalaya Calcutta
Publication Year2002
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
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