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श्री जैन विद्यालय, कलकत्ता
१९९४ में छ: दशकीय शैक्षणिक यात्रा पूर्ण : हीरक जयन्ती वर्ष
हीरक जयन्ती वर्ष में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विहंगम दृष्टि में
परीक्षाफल एक कीर्तिमान। माध्यमिक में १८९ छात्रों में ९५ • श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा द्वारा सन् १९३४ मे
छात्र प्रथण श्रेणी में शेष द्वितीय श्रेणी में। उच्च माध्यमिक में संस्थापन
४२४ छात्रों में १८२ छात्र प्रथम श्रेणी में, शेष द्वितीय श्रेणी में। पांचागली के एक कमरे में प्रारम्भ
गणित में १० छात्रों को स्टार मार्क (विशेष योग्यता) प्रथम प्रधानाध्यापक श्री बच्चन सिंह
अनेक प्रतियोगिताएँ, अखिल भारतीय मुद्रा एवं स्टाम्प प्रदर्शनी, विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि पर मोहनलाल गली में सन्
विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी, संगीत संध्या आदि का आयोजन १९४५ में स्थानान्तरण
. १७ दिसम्बर, १९९४ को कलकत्ता मिन्ट के डिप्टी जनरल मोहनलाल गली में कक्षा ५ तक अध्यापन
मैनेजर डॉ० श्री दत्ता द्वारा जैनपेक्स एवं हीरक जयन्ती विशेष विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को दृष्टिगत रख नवीन भवन
मुद्रा का अनावरण एवं कलकत्ता उच्च न्यायलय के मुख्य निर्माण का संकल्प
न्यायाधीश श्री के० सी० अग्रवाल को भेंट सुकियसलेन में जमीन क्रय एवं सन् १९५६ में भवन निर्माण
१७ दिसम्बर, १९९४ को जी० पी० ओ० फिलटेलिक प्रारम्भ
विभाग द्वारा विद्यालय प्रांगण में स्काउट मेल एवं प्रथम दिवसीय सन् १९५८ में १८-डी, सुकियस लेन में विद्यालय स्थानान्तरित
आवरण जारी एवं अतिथियों को भेंट श्री रामानन्द तिवारी प्रधानाध्यापक नियुक्त
२३ दिसम्बर, १९९४ को जनरल मैनेजर श्री डी० एम० पश्चिम बंग माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा १९६० में मान्यता
सरकार, कलकत्ता मिन्ट, भारत सरकार की अध्यक्षता में सम्पन्न एवं हाई स्कूल की कक्षाएँ प्रारम्भ
समारोह में श्री सुभाष चक्रवर्ती, क्रीड़ा एवं युवा कल्याण मंत्री, सन् १९६० बहुद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में
पश्चिम बंग के कर-कमलों से कबूतर डाक सेवा का उद्घाटन मान्यता एवं कक्षाएँ प्रारम्भ
दिनांक २५ दिसम्बर, १९९४ को नेताजी इन्डोर स्टेडियम में कार्यकारिणी अध्यक्ष श्री फूसराज बच्छावत, मंत्री श्री सरदारमल
समापन समारोह। प्रधान अतिथि श्री टी० एन० शेषन, मुख्य कांकरिया, संयुक्त मंत्री एवं प्रधानाचार्य श्री रामानन्त तिवारी
चुनाव आयुक्त, भारत सरकार सन् १९७६ में पश्चिम बंग उच्च माध्यमिक परिषद द्वारा
• १०-७-९४ को श्रीमती विमला मिन्नी कम्प्यूटर सेन्टर का मान्यता एवं १०+२ का अध्यापन प्रारम्भ
उद्घाटन। कक्षा ५ से कक्षा १२ तक के छात्रों के लिए सन् १९७८ में विद्यार्थियों का प्रथम दल उच्च माध्यमिक
कम्प्यूटर शिक्षा अनिवार्य परीक्षा में सम्मिलित
सन् १९९६ में मल्टी-मीडिया कम्प्यूटर एवं इन्टरनेट सर्विस विज्ञान एवं वाणिज्य की कक्षाएँ
का उद्घाटन, इ-मेल की सुविधा से सम्पन्न विगत दो दशक से परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत
सन् १९९८ से परीक्षाफल में नया कीर्तिमान विज्ञान एवं वाणिज्य के कई विषयों में छात्रो को विशेष योग्यता '
विद्यालयी गतिविधियों की परिचायिका - पदमासिक 'आभास' सन् १९८४ में विद्यालय की अष्ट दिवसीय स्वर्ण जयन्ती
का प्रकाशन २००१ से प्रारम्भ १५ जनवरी, १९८४ को नेताजी इन्डोर स्टेडियम में दस
गाइड यूनिट की स्थापना हजार दर्शकों की उपस्थिति में स्वर्ण जयन्ती का प्रधान समारोह
श्रेष्ठ स्काउट एवं गाइड को पुष्करलाल केडिया पदक (समग्र विशिष्ट प्रतिभा पुरस्कार- विभिन्न क्षेत्रों में कीर्तिमान बनाने वाले
कलकत्ता जिला) छात्रों का सम्मान
श्रेष्ठ छात्र को डॉ. महेश गोयनका के पिताश्री की स्मृति में विज्ञान की समृद्ध आधुनिक प्रयोगशालाएँ एवं पुस्तकालय -
चार हजार रुपये की वार्षिक छात्रवृत्ति सन् २००१ से प्रारम्भ बीस हजार पुस्तकें
पूर्व छात्र डॉ० ओम टांटिया की ओर से विज्ञान के श्रेष्ठ छात्र ज्ञान-विज्ञान के आधुनिक संसाधन - जेनरेटर, सभी कक्षाओं में
को २०००) वार्षिक छात्रवृत्ति सन् २००२ से प्रारम्भ ध्वनि-विस्तारक यंत्र, लिफ्ट आदि
स्कोप एवं विद्यालय के तत्वावधान में कम्प्यूटर प्रशिक्षण बालचर, कराटे, संगीत एवं कला प्रशिक्षण, नैतिक एवं
प्रारंभ, सभी के लिए शारीरिक प्रशिक्षण
जरूरतमंद प्रतिभा सम्पन्न छात्र को स्व० भीखमचंद भंसाली की कम्प्यूटर शिक्षण कक्षा ५ से अनिवार्य
स्मृति में भंसाली परिवार की ओर से चार हजार रुपये की • सम्पति २४०० विद्यार्थी
छात्रवृत्ति
शिक्षा-एक यशस्वी दशक
सभा खण्ड/६
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