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________________ ० प्रियंका दुगड़, ८ ब बिहार की राजधानी पटना है । वहीं के होटल की घटना है । बूढ़ा - बूढ़ी का एक Pair, निकाल के बैठ गए Chair, बूँढ़े ने बैरे को बुलाया, खाने का आर्डर दिया । पहले बूढ़े ने खाना खाया, बुढ़िया ने पंखा हिलाया । बुढ़िया ने खाना खाया, और बूढ़े ने पंखा हिलाया । यह देखकर बैरे का माथा चकराया, उसने पूछा - "ऐ लैला मजनू के माँ बाप, तुम दोनों में इतना ही प्रेम है तो साथ में क्यों नहीं खा लेते ?" दाँतों का सेट एक बूढ़े ने कहा, "बेटा तुम्हारी बातें तो नेक हैं... पर हमारे पास दाँतों का सेट एक है" विद्यालय खण्ड / ४० Jain Education International ० नेहा अग्रवाल, ८ ब मुझको फेल न करना ईश्वर मुझको फेल न करना, एक साल की जेल न करना । ऐसा मुझसे खेल न करना, ईश्वर मुझको फेल न करना । For Private & Personal Use Only पास-पड़ोसी बुरा कहेंगे, नहीं पिताजी प्यार करेंगे । ऐसा मुझसे खेल न करना, ईश्वर मुझको फेल न करना । दीदी से डाँट पड़ेगी, दोस्तों से आँख न मिलेगी । ऐसा मुझसे खेल न करना, ईश्वर मुझको फेल न करना । शिक्षा - एक यशस्वी दशक www.jainelibrary.org
SR No.012030
Book TitleJain Vidyalay Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherJain Vidyalaya Calcutta
Publication Year2002
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
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