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________________ ( १५ ) व्यक्तित्व-परिमल : संस्मरण एवं प्रेरक प्रसंग महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर १०६, साध्वीश्री हेमप्रज्ञाश्रीजी १११, साध्वी श्री मंजुलाजी ११२, श्री हीराचन्दजी वैद ११३, श्रीराम अमरचन्दजी लूणिया ११४, अरुणकुमार जैन ११६, व्यक्तित्व के विविध उज्ज्वल पक्ष – कुमारी बेला भंडारी ११७, श्रीमती गुलाबसुन्दरीजी बाफना ११६, श्री बुद्धिसिंहजी श्री पवित्रकुमार अशोककुमारजी बाफना १२०, श्री थानमलजी आंचलिया १२१, श्रीमती रत्ना लूनिया १२१ साध्वी सुयशाश्रीजी १२५ साध्वी जयश्रीजी १२६, आर्या प्रज्ञाश्रीजी १२७, पं० शान्तिचन्दजी जैन १२७, साध्वी तत्त्वदर्शनाश्रीजी १२८, साध्वी सुदर्शनाजी श्री १२६, साध्वी विनीताश्री १२६, साध्वी कनकप्रभाश्री १३१, साध्वी शुभदर्शनाश्री १३२, आर्या शीलगुणा श्री १३२, आर्या दिव्यदर्शना जी १३४, साध्वी सुलोचना श्री १३५, आर्या विद्युतप्रभाश्री १३६, श्री सौम्य गुणाश्री १३७, श्री आर. एम. कोठारी १३८, श्रीमती स्नेहलता चौरड़िया १३६, डा० विजयचन्द जैन १४०, श्रीमती लक्ष्मी भैंसाली १४०, श्रीमती शान्ता गोलेच्छा १४१, श्री सोहनराज भैंसाली १४२, डा० निजामुद्दीन १४३, श्रीमती ज्ञानदेवी बैगानी १४५, श्री कपूरचन्द श्रीमाल १४५, श्रीमती उर्मिला श्रीवास्तव १४६, विमलकुमार चौरडिया १४७, अशोक बाफना १४८, सोहनलालजी बुरड १४६, केशरीचन्दनजी पारख १४६, उत्तमचन्दजी बडेर १५०, श्री भँवरलालजी नाहटा १५१, श्रीधनरूपमल नागोरी १५१, श्री महावीर जैन श्वेताम्बर मन्दिर एवं श्री मुलतान जैन श्वेताम्बर संघ १५२, श्री मदनलाल शर्मा १५३ ॥ कृतित्व दर्शन: साहित्य-समीक्षा प्रवर्तिनी सज्जन श्रीजी महाराज का अद्भुत अनुवाद -कौशल आर्या सज्जनश्रीजी की काव्य साधना सफल अनुवाद करयित्री आर्यारत्न प्र० सज्जनश्रीजी एक श्र ेष्ठ जीवन चरित्र : पुष्प जीवन ज्योति एक बहुआयामी समग्र व्यक्तित्व प्रवर्तिनी सज्जनश्री महाराज Jain Education International गणी मणिप्रभसागरजी डा० नरेन्द्र भानावत डॉ० आदित्य प्रचण्डिया महावीर प्रसाद अग्रवाल आर्या शशिप्रभाश्री द्वितीय खण्ड : आशीर्वचन : शुभकामनाएँ, अभिनन्दन १-३८ आचार्यश्री जिनउदयसागरसूरि १, आचार्य श्री विजयइन्द्र दिन्नसूरि १, आचार्य श्री आनन्द ऋषिजी म० २, आचार्य श्री तुलसीजी म० २, उपाध्याय श्री अमर मुनिजी ३, आचार्य श्री विजययशोदेवसूरिजी ३, आचार्य श्री पदमसागर सूरीश्वरजी ३, संघ प्रमुख श्रीचन्दन मुनिजी ४ गणी श्री मणिप्रभसागरजी ४, मुनिश्री नगराजजी डी. लिट्. ५, प्रवर्तक श्री महेन्द्र मुनि कमल ५, मुनिश्री कैलाश सागरजी म. ६, मुनिश्री रूपचन्दजी ६, श्री कुशल मुनिजी म. ६, श्री जयानन्दजी मुनि ७, प्रवर्तिनी श्रीजिनश्रीजी म. ७, साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभाजी, आचार्य श्री चन्दनाजी ८, आर्या धर्मश्री, रतिश्रीजी ८, साध्वी श्री मनोहरश्रीजी For Private & Personal Use Only १५५ १५६ १६६ १६८ १७१ www.jainelibrary.org
SR No.012028
Book TitleSajjanshreeji Maharaj Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashiprabhashreeji
PublisherJain Shwetambar Khartar Gacch Jaipur
Publication Year1989
Total Pages610
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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