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________________ श्रीधीगढ़मलजीशाह (प्रधान मंत्री मुलतान राज्य) श्री नुमा शाह मुनिया की तादा लनिया वंशावली श्री गौरमल जी श्री सूगा शाह को सन् 186 ई० में जैनाचार्य श्री दादा गुरु जिनदत्त मूरी ने श्रीसवालशन बनाया वसूनिया गीत्र प्रदान किया श्री गणेशमलजी श्रीचौथमल जी) दादा गुरु वन्दन दादा गुरु जिनदत्त सूरी सूर्य सदृश साकार । जिनके शुचि वरदान से विकसा लूणिया परिवार । पीगरशाह मुलतान के प्रधानमन्त्री विष्यात । लूणाशाह सुपुत्र के पूजनीय थे तात । लूणाशाह के सर्पदंश का विष दादा ने दूर किया। तब दादा से श्रीगरशाह ने लूणिया गोत्र स्वीकार किया सज्जन श्री सौरभ सुमन इसी वंश की ज्योति । दादा गुरू श्री चरण सौपि का अमल धवल नव मेति। खरतरगच्छ महान है धर्म ध्वजा का स्तंभ । प्रवर्तिनी आगम प्रखर नम्र विनम्र निरदंभ । शुभ दिवस यह शुभ घड़ी अभिनन्दन शतबार । सूर्य चन्द्र युग आयु तक जिओ धर्म आधार । रावचंद जी (महताब देवी) श्री तेजकरणी 41510.1073 56.1880 1610.1977 1721940 श्रीचन्दजीवेताला (किस्तूरी बाई CEZ केसरीचंद जी रेखा देवी पनमचंद जी मला बाई प्रवर्तिनीधीसज्जनश्रीजी मासा 1941 3/15.10.17 1203207 10410 ( सुमेरमन) (जन्दर या भागद कमला देवी प्रभा पुष्पेन्द्र जैसा पारीणपुमा प्रकाशजीबांठिया 197354 /510 -2011/ROZARNITY 2016.5.100000 15,742 18.11.150 2 0 1508/9/19:10.55472476 /259.49 एवजय कुमार) निर्मा पु खराज रला मागर चन्द) मायर (मश कुगार इन विजयमानजीमा पर विजयजीमुकलेचा पना अरविन्दजीपादोदिया भावी 13.11.37 12.11450 1568 122,759 15555 4.10.39 122.45 151065 14485 (मुकेशजीकोठारी मनोमनी अनुपमा लिनी सुदीप गौरवाति सुरभि अमित शोक मनीष संजय 1015 WANTS /RamV2LVAL V28.10.10 1121/12.10.74V25000/ (निहारिका 25.00 Jain Education International For rivale anal Use Only
SR No.012028
Book TitleSajjanshreeji Maharaj Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashiprabhashreeji
PublisherJain Shwetambar Khartar Gacch Jaipur
Publication Year1989
Total Pages610
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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