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साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
संघ, माम्बलम की ओर से किया गया। स्मृति चिन्ह भी कोटेचा, श्री दुलीचंद जी जैन, डॉ. श्री छगनलाल जी प्रदान किये गये।
शास्त्री, श्री कृष्णचन्द्रजी चौरड़िया ने । विद्या गोष्ठी की ऐतिहासिक भव्य आयोजन हेत समिति की ओर अध्यक्षता की, श्री डॉ. छगनलाल जी शास्त्री ने। से संघ के समस्त पदाधिकारियों का स्वागत कर उन्हें
जैन विद्या गोष्ठी के कुशल संचालन व आयोजन स्मृति चिह्न भेंट किये।
हेतु श्री दुलीचंद जी जैन का संघ की ओर से भावभीना "सुमनवाणी” का लोकार्पण किया - डॉ. श्री हार्दिक स्वागत किया गया। जैन विद्यागोष्ठी का समायोजन नरेन्द्रसिंह जी ने। “वेदना विहीन' के “श्री सुमनमुनि था श्री भगवान महावीर स्वाध्याय पीठ, माम्बलम ओर दीक्षा स्वर्ण जयंति” अंक का अनावरण किया श्री से। संपतराजजी डूंगरवाल सिकन्द्राबाद ने।
इस प्रकार द्वि दिवसीय विशाल समारोह तप-त्याग धन्यवाद अभिभाषण दिया - श्री महावीरचंद
एवं सामाजिक, लोकोपकारी कार्यक्रमों के साथ सादर जी मूथा ने। सभा का संचालन कुशलता के साथ
सम्पन्न हुआ। तथा समापन समारोह के अन्त में एस.एस. किया - श्री भीकमचंद जी गादिया ने ।
जैन संघ की ओर से मंत्री उत्तमचन्द गोठी द्वारा दीक्षा मंगलवचन, गुरु वन्दन के साथ प्रातः कालीन स्वर्ण जयंति समारोह समिति, एस.एस. जैन महिला सभा सानंद सम्पन्न हुई।
मंडल एवं श्री संघ के सभी कार्यकर्ताओं तथा प्रत्येक ___ मध्याह्न में जैन विद्या गोष्ठी सम्पन्न हुई, जिसमें ज्ञात-अज्ञात सभी महानुभावों को आभार प्रकट करते प्रभावशाली प्रवचन प्रस्तुत किये - श्रीमती विजया हुए धन्यवाद दिया गया।
भीकमचन्द गादिया मंत्री, दीक्षा स्वर्ण जयंति समारोह समिति चेन्नई, तमिलनाडु
प्रेषकः डॉ. एम. उत्तमचन्द गोठी मंत्री - एस.एस. जैन संघ, माम्बलम
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