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________________ जयंति, त्रिदिवसीय स्वाध्याय प्रशिक्षण शिविर, रक्तदान शिविर, श्रमण सूर्य मरुधर केशरी श्री मिश्रीमल जी म. की जन्म जयंति, छात्र - छात्राओं को R. Y. A. की ओर से पुस्तकों का वितरण आदि कार्यक्रम सोत्साह विधिवत् सम्पन्न हुए । सेबी के अध्यक्ष प्राणी मित्र डा. डी. आर. मेहता का भी आगमन गुरुदेव श्री के दर्शनार्थ हुआ । “मोक्ष द्वार ज्ञान पत्रिका" (श्री गौतमचन्द जी ओस्तवाल द्वारा संपादित ) का गुरु गणेश एवं चातुर्मास विशेषांक - १६६५ का श्रीमान मोहन लाल जी मूथा द्वारा हजारों की जनमेदिनी में भव्य विमोचन हुआ। नवकार मंत्र का प्रतिदिन जपानुष्ठान भी होता रहा । पर्यूषण पर्व तप-त्याग, धर्म ध्यान, जपसाधना से मनाया गया। उपवास, बेले, तेले, पंचोले, अठाई आदि की तपस्या के अतिरिक्त कई मासखमण के प्रत्याख्यान किए गए। यह सब आप श्री जी की प्रेरणा से ही हो रहा था । मासखमण वाले तपस्वियों को श्री संघ द्वारा अभिनन्दन पत्र भी समर्पित किए गए। अभिनन्दन पत्र तैयार किए - भद्रेशकुमार जैन एम. ए., साहित्य रत्न, पी. एच. डी. ने । आठ कलात्मक अभिनन्दन पत्र भद्रेश कुमार जी ने तैयार कर गणेश बाग श्री संघ को अर्पित किए थे । सामूहिक क्षमापना का आयोजन भी सफल रहा। साध्वी श्री चन्द्रप्रभा जी म. ठाणा ३ का इस अवसर पर गणेश बाग में पदार्पण हुआ । ६ सितंबर ६५ से १० सितंबर ६५ तक "जयआत्म-शुक्ल ” दीक्षा - जन्म शताब्दी उत्सव मनाया गया । तप-त्याग की बहार आई। आचार्य श्री जयमल्लजी म. की २८६ वीं, आचार्य श्री आत्माराम जी म. की ११३ वीं तथा प्रवर्तक श्री शुक्लचन्द जी म. की १००वीं जयंति मनोयोग पूर्वक श्रावक श्राविकाओं ने श्रद्धाभक्ति एवं धार्मिक अनुष्ठान से मनाई । Jain Education International सर्वतोमुखी व्यक्तित्व उक्त शुभ प्रसंग पर वस्त्र वितरण एवं अन्नदान का कार्यक्रम भी समायोजित था । भाषण प्रतियोगिता भी सम्पन्न हुई। दो पुस्तकों का विमोचन इसी वर्षावास में “सुमन प्रवज्या” एवं “ शुक्ल ज्योति” इन दो पुस्तकों का विमोचन भी हुआ । लेखक-संपादक -भद्रेश कुमार जी जैन एम. ए., साहित्यरल, पी. एच. डी. । प्रथम कृति गुरुदेव श्री के चरणों में अर्पित की गई । लेखक महोदय का श्री जैन संघ शिवाजी नगर ने शाल एवं माल्यार्पण द्वारा भव्य स्वागत किया । उक्त पुस्तकों का विमोचन परम श्रद्धेय मुनि श्री सुमन कुमार जी म. की ४५वीं दीक्षा जयंति के पावन प्रसंग पर हुआ। अनेक वक्ताओं ने भजन गीत- अभिनन्दन के साथ गुरुदेव श्री की दीक्षामय जीवनी की संस्तुति की । समस्त शिवाजी नगर श्री संघ चातुर्मास की ऐतिहासिकता के लिए सतत प्रयत्नशील रहा । संघाध्यक्ष श्री पुखराज जी मांडोत, कार्याध्यक्ष श्री पारसमल जी पोरवाल, सहमंत्री श्री भंवर लाल जी पोरवाल, कोषाध्यक्ष श्री संपतराज जी मांडोत, श्री जैन युवक संघ के मंत्री युवाकार्यकर्त्ता श्री सुनील जैन सांखला आदि समस्त कार्यकर्त्ताओं का तथा युवति मंडल का प्रशंसनीय योगदान रहा। दिनांक २८-२६ अक्टुबर १६६५ को द्विदिवसीय कर्नाटक प्रान्तीय स्थानकवासी जैन युवा सम्मेलन गणेश बाग में आयोजित हुआ । आयोजक था - श्री जैन नवयुवक मण्डल (शिवाजी नगर ) तथा व्यवस्थापक था - श्री वर्ध. स्था. जैन संघ शिवाजीनगर बैंगलोर । इस सम्मेलन का प्रमुख नारा था - स्थानकवासी युवाओ ! निज चेतना जगाओ !! For Private & Personal Use Only ६३ www.jainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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