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तृतीय खण्ड सर्वतोमुखी व्यक्तित्व
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सर्वतोमुखी व्यक्तित्व की
जीवन रेखाएं ! जिनमें उतार-चढ़ाव
धूप-छाँव
भ्रमण नगर नगर गाँव-गाँव !
साधना की ज्योति से तिरोहित हुआ
अज्ञानान्धकार !
ज्ञान- ज्योति से हुई विकसित 'स्व' को
निहारने की प्रक्रिया ! जीवन गाथा के
ये
पृष्ठ बाध्य करेंगे मुनिप्रवर के जीवन में
झांकने को व्यक्तित्व के
आंकने को ! शेष जीवन तो बस जीवन है
किन्तु गौरवमय यह जीवन महाजीवन है ! - भद्रेश जैन
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