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________________ यशोगानम् मेरे मन को सुमन बना दो जिनशासन सिणगार सुमन - गौरव गाथा श्रमणरत्न श्री सुमनमुनि श्रमणसंघ की दाल, हृदय से विशाल कितने सच्चे, कितने अच्छे मेरे गुरुवर ! सुमन की सौरभ सब ही देते बधाई जय-जय सुमनमुनि गुणवान युग-युग जिओ गुरुवर शांति का बिगुल बजाते है सुमन-सौरभ संयम की उज्ज्वल ज्योति ज्ञान प्रकाश फैलायो संघ में शुभ दिन आज है मुनि जीवन की शान श्रमण संघ की शान विरागी का विरागाभिनन्दन ! सुमत्थुई लाखों लाख बधाई श्रद्धा-पुष्प मंजुल व्यक्तित्व विशाल ! ऐसा वरदान दे दो गुरुवर भक्ति के सुमन अर्पण करू मैं हार्दिक वन्दन - अभिनन्दन गुरुवर सुमनमुनि जी Jain Education International पद्य विभाग श्री रमेशमुनि जी ' शास्त्री' श्री दुलीचंद जैन श्री शांतिलाल खाबिया श्री हस्तीमल समदड़िया श्री दीपक भाई श्री के. मोतीलाल रांका श्री मांगीलाल जांगड़ा राजेन्द्र जैन वैरागी दीपक जैन मुनि श्री सुमन्तभद्र जी "साधक” मुनि श्री प्रवीण कुमार जी 'विद्यार्थी' श्री पारसमल वाफणा श्री मांगीलाल जांगड़ा श्री भीकमचंद गादिया श्री निहालचंद वांठिया श्री सुरेन्द्र खिंवसरा श्री सम्पत लोढ़ा श्रीमती शकुंतला मेहता श्री जे. पारसमल गादिया डॉ. एन. सुरेशकुमार कविरत्न श्री चन्दनमुनि जी श्री गुणभद्रमुनि | मेजरमुनि जी प्रवर्तिनी साध्वी श्री प्रमोदसुधा जी साध्वी श्री रिद्धिमा जी साध्वी श्री हिमानी जी श्री विमलकुमार कोटेचा श्री देवराज बम्ब For Private & Personal Use Only 9 9 9 २ ५ ५ ६ ६ 6 6 て ww ६ ६ १० १० 99 ११ १२ १२ १३ १४ १५ १५ १६ १६ १६ www.jainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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