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१३. शाम्रीय एवं वैज्ञानिक
प्रकृति
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(१) षोशशदलीय विशुद्धिचक्र, स्फूर्ति, निद्रा एवं आकाश का प्रतीक, सतोगुण की प्रवृत्ति (२) अस्थिनिर्मायक एवं
जीवाणु-प्रतिरक्षी (३) शांति, ज्ञान, बुद्धि,
अन्तःप्रज्ञा, उच्चतर चेतना का विकासी
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(१) दशदलीय (१) चतुष्फलकीय (१) शुद्धता, पूर्णता । मणिपुर चक्र, अग्नि- मूलाधार चक्र का एवं सहस्रार चक्र तत्व, मनस्थिरता, प्रतीक्र, पृथ्वी एवं का प्रतीक, सतोप्राणशक्ति का प्रतीक, स्थूलशक्ति का गुणो प्रवृत्ति रजोगुण की प्रवृत्ति प्रतीक, तमोगुणी (२) क्षार-गुणोत्पादी (२) विटामिन बी. (२) जीवनीशक्ति
एवं ई. का प्रभाव प्रदायक - (३) क्रोध, दृढ़ता, (३) शान्ति का
स्थिरता, संकल्प, शक्ति, प्रतीक उत्साह प्रदान करता है,
टानिक बनाता है (४) सेव, केला, नीबू, (४) टमाटर, तरबूज, (४) आलू, दूध,
ककड़ी आदि गाजर, सोयाबीन, आदि उपयोगी उपयोगी
आदि उपयोगी १०-4A १०-A
१०-१°A शुद्ध, शुम, शुद्ध, शुम,
प्रशस्त धर्म, प्रशस्त धर्म, प्रशस्त अन्तर्महुत अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त २ सागर+ १० सागर+ ३३ सागर + पल्य/असं. १ मुहूर्त १ मुहूर्त
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१४. मावृत्ति
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१५. भाव
(४) जामुन, अखरोट,
बादाम, अंगूर आदि उपयोगी १.-५-१०-६A अशुद्ध, अशुभ, अधर्म, अप्रशस्त
अन्तर्मुहूतं १० सागर + पल्य असं०
अशुद्ध
अशुद्ध, अशुभ, अधर्म, अप्रशस्त
अन्तर्मुहूर्त ३३ सागर + १ अन्त
१६. आयुष्य, जघन्य
उत्कृष्ट
अन्तर्मुहूर्त ३ सागर+ ३ सागर+ पल्य/असं
लेश्या द्वारा व्यक्तित्व रूपान्तरण १५९
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