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श्री दि० जैन अतिशय क्षेत्र कुण्डलगिरि (कोनीजी) में दि० २१ से २५ फर० १९८२ में आयोजित पंचकल्याणकोत्सवके अवसरपर आचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज से तत्त्वचर्चा के उपरान्त डॉ० दरबारीलाल
कोठियाको आशीर्वाद दे रहे हैं।
परम पूज्य आ० समन्तभद्र महाराज बाहुबलोको डॉ० कोठियाजी ग्रन्थ संपादनमें उपयुक्त
दुर्लभ प्रतियोंके सम्पादन में होने वाली कठिनाइयोंको बता रहे हैं।
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