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________________ शिवप्रसाद वि. सं. १४६५ तिथिविहीन मूर्तिलेख' प्राप्तिस्थान-चिन्तामणि जिनालय, बीकानेर वि.सं. १४६९ माघ सुदि ६ रविवार' वासुपूज्य की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्तिस्थान-धर्मनाथ जिनालय, मेड़ता सुमतिसूरि [ तृतीय ] के पट्टधर शांतिसूरि [ तृतीय ] हुए। सन्डेरगच्छ के वि. सं. १४७२ से १५१३ तक के प्रतिमा अभिलेखों में प्रतिष्ठापक आचार्य के रूप में इनका उल्लेख मिलता है; जिसका विवरण इस प्रकार है वि. सं. १४७२ फाल्गुन सुदि ९ शुक्रवार भगवान् पद्मप्रभ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्तिस्थान-नवधेर का मंदिर, चेलपुरी, दिल्ली वि. सं. १४७५ ज्येष्ठ सुदि ९ शुक्रवार भगवान् शान्तिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्तिस्थान–चिन्तामणि जिनालय, बीकानेर वि. सं. १४७६ मार्गसिर सुदि ३५ भगवान् शान्तिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्तिस्थान-चिन्तामणि जिनालय, बीकानेर वि. सं. १४८३ फागुण वदि ११ पद्यप्रभ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्तिस्थान-जैन मंदिर, चैलपुरी-दिल्ली एवं वीरजिनालय बीकानेर वि. सं. १४८३ फागुण वदि ११ को इनके द्वारा प्रतिष्ठापितकुल ४ जिन प्रतिमायें वर्तमान में उपलब्ध हुई हैं। इनमें से श्रेयांसनाथ और पद्मप्रभ की प्रतिमायें आज चिन्तामणि जिनालय बीकानेर में संरक्षित हैं।" १. नाहटा, पूर्वोक्त, क्रमाङ्क ६२५ २. नाहर, पूर्वोक्त, भाग १, लेखाङ्क ७५८ ३. वही, लेखाङ्क ६६४ ४. नाहटा, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ५७७ ५. वही, लेखाङ्क ६८२ ६. नाहर, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ४६८ नाहटा, पूर्वोक्त, लेखाङ्क १३३६ ७. नाहटा, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ७२५ और ७२६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012017
Book TitleAspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Sagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1991
Total Pages572
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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