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H. C. Bhayani 13. इसि ( ईसीसि ) चुंबिआई भसलेहि सुकुमार केसर-सिहाई । ओदंसहुति दअमाणा पमदाओ सिरीस-कुसुमाइं॥
(XII 12) [ ईषदीषच्चुम्बितानि भ्रमरैः सुकुमार-केशर-शिखानि ।
अवतंसयन्ति दयमानाः प्रमदाः शिरीष कुसुमानि ।। ] 14. चंद-णिमिएक्क-चलणा णह-भमिर-मराल-णिमिअ-बीअ-पआ। कमल-वण दिण्ण-हत्था सरअ-सिरी भुवणमोअरइ ।।
(XIV 1) [चन्द्र-न्यस्तैक-चरणा नभोभ्रमन्मराल-न्यस्त-द्वितीय-पदा ।
कमल-वन-दत्त-हस्ता शरच्छी वनमवतरति ।। ] 15. सा माह-मास-गोसग्ग-मज्जिरी तं पि दिन्न-पुण्णग्गी । मिलिआ गोला-तूहे दुवे वि तुम्हे धम्मिट्ठा ।।
(XVI 5) [ सा माघ-मास-प्रातर्मज्जनशीला त्वमपि दत्त-पुण्याग्निः । मिलितौ गोदा-तटे द्वावपि युवां खलु धर्मिष्ठौ ।। ]
Besides these there are twentynine verses taken from Sotubandha X. The GM. variants are noted at the end.
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