________________
षड्भुज ब्रह्मशान्ति, रंगमण्डप से लगा वायव्य विकर्ण वित विमलवसही, १२ वीं शती ई०
षड्भुज ब्रह्मशान्ति रंगमण्डप से लगा अग्निकोण का
विकर्ण वितान, लूणवसही १२३१ ई० Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org