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अरुण प्रताप सिंह
१. कप्पसूत्त ( कल्पसूत्रं ) २. बृहत्कल्पभाष्य,
( भद्रबाहु रचित )
३. कप्पसूत्त ( बृहत्कल्पसूत्र )
४. गच्छायार पइण्णयं
(गच्छाचार) ५. ओघनियुक्ति ( वृत्ति ) ६. निशीथ सूत्र ( विशेष चूणि )
प्रथम भाग द्वितीय भाग
तृतीय भाग . ७. मूलाचार ( प्रथम भाग)
सन्दर्भ ग्रन्थ -प्राकृत भारती, जयपुर, 1977 । -- भाग तृतीय, जैन आत्मानन्द समा । भावनगर, 1936 । भाग चतुर्थ, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, 1938 । भाग पंचम,
-सम्पादक-मुनि श्री कन्हैयालाल जी कमल, आगम अनुयोग प्रकाशन, बांकलीवास, सांडेराव, राजस्थान, 1977 ।
-रामजी दास किशोरचन्द्र जैन । मावसा मण्डी, पेप्स, 1951 । -भद्रबाहु कृत, आगमोदय समिति, 1919 । -जिनदासमहत्तर विरचित । सन्मति ज्ञान पीठ-आगरा 1958। , ,, ,, 1957 । " "" , 19581 -वटकराचार्य विरचित, माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, गिरगांव, बम्बई, वि० सं० 1 77 ।
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