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प्रिय श्री मालवणिया,
कामनाएं।
( २३ )
सर संघ चालक म. द. देवरस
आपका पत्र मिला ।
श्री पुष्कर मुनि महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ के लिए मेरी हार्दिक शुभ
(ह०) इन्दिरा गांधी
शुर
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ
प्रधान कार्यालय नागपुर
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१२ बिल्डिंग के सेन्ट नई दिल्ली ३० नवम्बर १९७७
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भाद्रपद शुक्ल १० संवत् २०३४ (22-2-00)
सादर वन्दे
अध्यात्मयोगी श्री पुष्कर मुनि जी की यशस्वी साधना के ५४ वर्ष पूर्ण होने के शुभ अवसर पर "अभिनन्दन ग्रन्थ” प्रकाशित कर उनका सम्मान करने का निश्चय अतीव स्वागतार्ह है।
श्रद्धेय श्री पुष्कर मुनि जी अपने मधुर व्यक्तित्व, प्रखर साधना एवं समाज सेवा के कारण केवल स्थानकवासी श्वेताम्बर जैन समाज में ही नहीं अपितु सब पंथोपपंथों में आदर के पात्र बने हैं । उनमें ज्ञान, भक्ति तथा कर्मशीलता का अनोखा समन्वय है, जिसके फलस्वरूप अनेक साधक, अनुयायी तथा सामान्य जन इन सबको अपने कर्तव्य पथ पर अक्षुण्ण गति से आगे बढ़ने की प्रेरणा नित्य मिलती है । उनकी प्रेरणा तथा मार्ग दर्शन से अनेक सेवाभावी संस्थाओं को एवं समाज सेवा के विभिन्न कार्यों को बल मिलता है यह सब जानते हैं ।
इस शुभ अवसर पर, आदरणीय मुनिश्री को सुदीर्घ निरामय जीवन प्राप्त हो यही कामना करता हूँ, और आशा करता हूँ कि "अभिनन्दन ग्रन्थ " के द्वारा शाश्वत जीवन मूल्यों का ज्ञान तथा अंतःकरण में विशुद्ध भक्ति का उदय होकर मूल्याधिष्ठित जीवनयापन करने के लिए कर्म करने की प्रेरणा मिलेगी ।
इति शम्
भवदीय
( ह०) म. द. देवरस
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