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संदेश
Governor Uttar Pradesh
Raj Bhavan
Lucknow नवम्बर २३, १९७७
आध्यात्मिकता भारतीय राष्ट्र की प्राण-शक्ति है, और यदि हम बाहरी सभ्यता की चकाचौंध से प्रभावित होकर नया चरित्र निर्माण का प्रयास न करेंगे तो वह हमारे लिये घातक होगा।
मुझे यह जानकर हर्ष है कि आध्यात्मिकता के उपासक कतिपय सज्जनों ने अध्यात्मयोगी उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि महाराज जी की साधना के ५४ वर्ष सम्पन्न होने के उपरान्त उन्हें एक अभिनन्दन ग्रन्थ समर्पित करने का निश्चय किया है। मैं उत्सव की सफलता के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ भेजता हूँ।
(१०) ग. दे. तपासे
उप-राज्यपाल
राज निवास
दिल्ली दिनांक २३-११-७७
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि श्री पुष्कर मुनि महाराज जी की यशस्वी साधना के ५४ वर्ष सम्पन्न होने पर उनके सम्मान में एक सार्वजनिक अभिनन्दन ग्रन्थ समर्पित किया जा रहा है । मुझे आशा है कि इस ग्रन्थ में अध्यात्म, ध्यान एवं योग जैसे गूढ़ विषयों पर विद्वानों द्वारा लिखित प्रचुर सामग्री होगी, जिससे इन विषयों में रुचि रखने वाले सज्जनों को पर्याप्त लाभ होगा।
मैं अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति को इस शुभ प्रयास के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ समर्पित करता हूँ।
(ह.) दलीप राय कोहली
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