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श्री जालमचंद जी बम्बोरी : सूरत
व्यक्ति जन्म से नहीं अपितु अपने कर्त्तव्य से महान् बनता है। श्री जालमचंद जी बम्बोरी एक ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी रहे हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम भंवरलाल जी और मातेश्वरी का नाम बाबूभाई है। आप चार भाई हैं-मीठालाल जी, पुखराज जी और देवेन्द्र जी तथा दो बहिनें हैं- सुन्दरदेवी और धन्नादेवी आपकी धर्मपत्नी का नाम पुष्पादेवी है। आपके दो पुत्र हैं- लोकेश और मनीष। आपका व्यवसाय केन्द्र सूरत में जालमचंद भंवरलाल के नाम से है। आप परम श्रद्धेय उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. के प्रति अनंत आस्थावान रहे हैं। प्रस्तुत ग्रंथ के प्रकाशन में आपका हार्दिक अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ आभारी।
श्री मूलचंद जी आंचलिया : इन्दौर
श्री मूलचंद जी आंचलिया एक बहुत ही सुलझे हुए विचारक युवक हैं। आपमें कार्य करने की अपूर्व शक्ति है। इन्दौर की विविध संस्थाओं के आप कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम मालमचन्द जी सा. और मातेश्वरी का नाम कान्तादेवी है। पूज्य माता-पिता के संस्कार आपके जीवन में विकसित हुए हैं। | आपकी धर्मपत्नी का नाम कमलादेवी है। आपके तीन बहिनें हैंश्रीमती सुनीता कांकरिया, श्रीमती मंजुला मारू और श्रीमती साधना आपके एक पुत्र सचिन आंचलिया है तथा दो पुत्रियाँ हैंसोनू और सुरभि आपका व्यवसाय "मंजुला साड़ी सदन के नाम से विश्रुत है। परम श्रद्धेय उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. के प्रति और आचार्यसम्राट् श्री देवेन्द्र मुनि जी म. के प्रति आपकी अपार आस्था रही है। ग्रन्थ के प्रकाशन में आपका हार्दिक अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक साधुवाद।
श्री रमेश मुथा
रायचूर विश्व के रंगमंच पर प्रतिदिन हजारों व्यक्ति आते हैं और व्यक्ति अपनी जीवन लीला समाप्त कर विदा भी हो जाते हैं पर कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो अपने व्यक्तित्व से जन-मानस में अपना स्थान बनाते हैं। श्रीमान् धर्मप्रेमी श्री रमेश जी एक ऐसे ही युवक हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम हीरालाल जी जो कर्नाटक में रायचूर के निवासी हैं। आप चार भाई हैं-शान्तिलाल जी, रमेश जी, राजेन्द्र जी और हंसराज जी। चारों भाइयों में आपस में स्नेह और सद्भावनाएँ हैं।
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आपका पूरा परिवार उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. के प्रति श्रद्धानत् था एवं आचार्यसम्राट् श्री देवेन्द्र मुनि जी म. के प्रति श्रद्धावान है। प्रस्तुत ग्रन्थ हेतु आपका अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक साधुवाद।
श्री रंगलाल जी डागलिया : नाथद्वारा राजस्थान नर-रत्नों की जन्मभूमि है। यहाँ की भूमि में अनेक
उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति ग्रन्थ
रणवीर राष्ट्रभक्त और अध्यात्म साधक संत व साध्वियाँ समुत्पन्न हुईं। राजस्थान का एक गौरवपूर्ण स्थान है नाथद्वारा जो "श्री नाथद्वारा" के नाम से मशहूर है। उसी नाथद्वारा में रंगलाल जी सा. का जन्म हुआ। आपके पूज्य पिताश्री का नाम कालूलाल जी और मातेश्वरी का नाम गेंदीबाई है। आप चार भाई हैं मोतीलाल जी, चुन्नीलाल जी और शांतिलाल जी आपकी धर्मपत्नी का नाम चन्द्रादेवी है। आपके सुपुत्र का नाम महेश जी है जो "चारटेड एकाउण्टेण्ट' हैं जो बम्बई में हैं। आपके दूसरे पुत्र का नाम राकेश जी है आपके एक सुपुत्री है जिसका नाम सरोजदेवी है आपका व्यवसाय वस्त्रों का है। श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति आपकी अनंत श्रद्धा रही है। प्रस्तुत ग्रंथ के प्रकाशन हेतु आपका अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक आभारी।
श्री विभूतिकुमार जी हीरालाल जी मादरेचा ढ़ोल
विभूति सात वर्ष का नन्हा सा बालक है पर उसमें सहज प्रतिभा है। विभूति के पिताश्री का नाम हीरालाल जी है। हीरालाल जी एक युवक हैं और कर्मठ उत्साही व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने पुरुषार्थ से जहाँ व्यापार के क्षेत्र में एक कीर्तिमान स्थापित किया है। वहाँ वे धर्म में भी सदा अगुआ रहे हैं। राजस्थान में आप ढोल के निवासी हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम लक्ष्मीवहिन है जिन्हें विभूति की माँ बनने का गौरव प्राप्त है। विभूति की पाँच बहिनें हैं- हीना, पूजा, बरखा, प्रियंका और कामां ।
श्री हीरालाल जी की गुरुदेव श्री पुष्कर मुनि जी म. के प्रति अनन्य आस्था थी । धार्मिक सत्साहित्य को सदा पढ़ते रहते हैं और धार्मिक, सामाजिक कार्यों के लिए भी अपना तन, मन और धन समर्पित करते हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ में भी आपका सहयोग प्राप्त हुआ है, तदर्थ हम आभारी हैं। हमारी यही मंगल मनीषा है कि बालक विभूति आगे बढ़कर समाज की सच्ची विभूति बने ।
श्री राजेन्द्र जी मेहता : सूरत
श्री राजेन्द्र जी मेहता परम गुरुभक्त उत्साही स्वाध्यायी बन्धु हैं। आप राजस्थान में सायरा के निवासी हैं। स्वाध्याय संघ के सक्रिय कर्मठ कार्यकर्त्ता हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम लालचंद जी मेहता और मातेश्वरी का नाम खुमानीबाई था। आपकी धर्मपत्नी का नाम कोयलदेवी है। आपके तीन पुत्र है-चन्द्रप्रकाश, रमेशकुमार और अशोककुमार तथा दो सुपुत्रियों है-शीला और चन्दन
चन्द्रप्रकाश जी की धर्मपत्नी का नाम यशोदा है। उनके तीन पुत्रियाँ हैं- टीनू, मीनू और सीनू ।
रमेश जी की धर्मपत्नी का नाम सविता है और पुत्री का नाम दिव्या है।
आपका व्यवसाय "बेस्टन एजेन्सीज" रिंग रोड, सूरत में है। पूज्य उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. सा. के प्रति आपकी अनंत