SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 838
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 10:00 DODDEDg02.00Papada BALR0 5600DSDOE0%2000.00 /६८० 1GERS 200ECONDS उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति-ग्रन्थ । शांतिदेवी जैन है। इनके तीन भाई-रवीन्द्र जी, लोकेश जी और श्री दीपचंद जी भंसाली : बैंगलोर संजीव जी तथा पाँच बहिनें हैं-सौ. पपिल, प्रमिला, माला, शशि तल और मधु। आपकी धर्मपत्नी का नाम सौ. डौली है। आपके एक पुत्र भारत के तत्त्वदर्शी महर्षि सदा ही चिन्तनशील रहे हैं। प्रत्येक है जिसका नाम निशान्त है और पुत्री का नाम श्वेता है। प्रश्न के तलछट तक पहुँचकर उसका समाधान करते रहे हैं। उन्होंने जीवन के संबंध में भी विभिन्न दृष्टियों से चिन्तन किया और आपकी परम श्रद्धेय पूज्य उपाध्याय गुरुदेव श्री पुष्कर मुनि जी चिन्तन का आधार रहा। केवल कूकर-शूकर की तरह जीवन जीना म. के प्रति अनन्त आस्था है। आप प्रति वर्ष गुरुदेवश्री के दर्शनों के ही जीवन की सार्थकता नहीं है जीवो. प्रकाश करते हुए जीओ. लिए सपरिवार उपस्थित होते रहे। आप लुधियाना के निवासी हैं। गुणों से जीवन को चमकाते रहो। श्री दीपचंद जी भंसाली एक 00002"पापुलर स्पिनर्स", लुधियाना के नाम से आपकी फर्म है। प्रस्तुत ग्रंथ । युवक हैं। उनमें युवकोचित जोश भी है और कार्य करने की FDS हेतु आपका अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक आभारी। भव्य-भावना भी है। आपके पूज्य पिताश्री का नाम धींगड़मल जी श्री मांगीलाल जी कटारिया : औरंगाबाद और मातेश्वरी का नाम प्यारीबाई है। आप चार भाई हैं घेवरचंद श्री मांगीलाल जी सा. कटारिया एक सुश्रावक हैं। आप राजस्थान जी, धनराज जी, मीठालाल जी और आप सबसे छोटे हैं। आपकी 100.0000 में सहवाज गाँव के निवासी रहे हैं और ९० वर्षों से औरंगाबाद में एक बहिन भी है उसका नाम फाऊदेवी है। आपकी धर्मपत्नी का DD रह रहे हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम बालचंद जी और मातेश्वरी | नाम पुष्पादेवी है। आपके पुत्र तीन हैं-महेन्द्र, हितेश और नितेश। का नाम कुसुमबाई है। आपकी धर्मपत्नी का नाम पारसबाई है। २२ वर्षों से आप बैंगलोर में पेपर का व्यवसाय करते हैं। आपकी E0% आपके सुमतिलाल, गौतमकुमार और प्रवीणकुमार ये तीन सुपुत्र फर्म का नाम "पुष्कर पेपर एजेन्सीज" है। आप कर्नाटक पेपर और सुयेश, प्रीतमकुमार और श्रेयांसकुमार ये तीन पौत्र हैं। आप मर्चेन्ट ऐसोसिएशन के सहमंत्री हैं। कर्नाटक मारवाड़ी यूथ फेडरेशन र उपाध्यायश्री के परम भक्त रहे हैं। प्रस्तुत ग्रंथ के प्रकाशन में आपका के आप स्थायी मेम्बर भी हैं। आप परम श्रद्धेय उपाध्याय श्री आर्थिक योगदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक साधुवाद। पुष्कर मुनि जी म. के प्रति अनन्य निष्ठावान रहे हैं। आचार्यसम्राट् श्री देवेन्द्र मुनि जी म. के प्रति आपकी अनंत आस्था है। प्रस्तुत ग्रंथ श्री मीठालाल जी भंसाली : बैंगलोर हेतु आपका अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक आभारी। आप मनुष्य में अपने कर्त्तव्य के प्रति सच्ची लगन और निष्ठा हो, कर्मावास के निवासी हैं। TFEEP गुरू के प्रति आस्था हो और स्वयं पर विश्वास हो तो वह _ श्री सौभाग्यसिंह जी माण्डावत : उदयपुर D कठिन-से-कठिन परिस्थिति से जूझकर प्रगति के शिखर को छू लेता तित है। श्री मीठालाल जी भंसाली भी अपने इन्हीं गुणों के बल पर श्रीमान् धर्मप्रेमी परम गुरुभक्त सौभाग्यसिंह जी सा. माण्डावत Fac प्रगति करते हुए आज समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान-प्राप्त व्यक्ति एक युवक हैं। युवकोचित उनमें जोश है, होश है और कार्य करने o00 हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम धींगड़मल जी और माताजी। में पूर्ण दक्ष हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम कन्हैयालाल जी सा. प्यारीबाई भी गुरुदेवश्री के प्रति श्रद्धावान थीं। आप चार भाई और और मातेश्वरी का नाम सहेलीबाई था। आपके दो भाता और चार SPएक बहिन हैं। बैंगलोर में आपका मर्करी पेपर एजेन्सी के नाम से बहिनें जिसमें स्व. दलपतसिंह जी सा. का स्वर्गवास हो गया। पेपर का अच्छा व्यवसाय है। आप युवक होकर भी धर्म के प्रति मोहनलाल जी सा. आपके ज्येष्ठ भ्राता हैं। आपकी बहिनों के नाम B. श्रद्धाशील हैं। सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में तन-मन-धन से हैं-श्रीमती राजबाई, श्रीमती वनीता और श्रीमती विमला। आपकी 200 सहयोग करते रहे हैं। आचार्यसम्राट् श्री देवेन्द्र मुनि जी म. के प्रति । धर्मपत्नी का नाम सौ. स्नेहलता है जो बहुत ही धर्मनिष्ठ सुश्राविका Faar आपका सम्पूर्ण परिवार निष्ठावान है। प्रस्तुत स्मृति-ग्रन्थ के प्रकाशन हैं। आपके तीन सुपुत्र हैं-दिनेश, महेश और पंकज। दिनेश जी की 9 में आपका अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ साधुवाद। धर्मपत्नी का नाम सौ. सुनीता है और उनके पुत्र का नाम मनन है। श्री गणेशलाल जी सा. सियाल : जयपुर आपका व्यवसाय “साधना केमिकल्स" ई-१०९, मादड़ी इण्डस्ट्रीयल एरिया, उदयपुर (राजस्थान) है। प्रस्तुत ग्रन्थ हेतु आपका सहयोग श्री गणेशलाल जी सियाल बहुत ही उदार हृदय के उत्साही 1656 युवक हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम नन्दलाल और मातेश्वरी श्री शोभाचंद जी संचेती : अकलूज TIPSP का नाम नानीबाई है। आप राजस्थान में नाथद्वारा के निवासी हैं किन्तु इन दिनों में आप जयपुर में रहते हैं। आपकी धर्मपत्नी का मानव-जीवन मिलना पुण्य का फल है किन्तु मानव-जीवन प्राप्त नाम जमकूदेवी है। आपके तीन पुत्र हैं-दीपककुमार, प्रदीपकुमार । कर भी अगर मनुष्य को सद्धर्म का श्रवण, सद्गति और BR42 और प्रकाशकुमार तथा दो पुत्रियाँ हैं-तरुणा और कामिनी। आप । सद्गुरुदेव का संयोग नहीं मिलता तो वह जीवन का पूर्ण लाभ नहीं तीन भाई हैं चतरलाल और रमेशचंद। आपका व्यवसाय “एक्सपोर्ट उठा पाता, इसलिए जीवन को सफल बनाने के लिए उक्त संयोग 8 वस्त्र हैण्डीक्राफ्ट्स" का है। परम श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति मिलना भी महान् पुण्य का परिणाम समझना चाहिए। श्री शोभाचंद आपकी अनंत आस्था रही है। प्रस्तुत ग्रंथ में आपका हार्दिक जी संचेती का परिवार इस दृष्टि से पुण्यशाली माना जायेगा कि 1080P सहयोग प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक साधुवाद। उनके परिवार में धर्म के संस्कार और सद्गुरुदेव के प्रति श्रद्धा का P:05.00 SRIGAR DesclalDega NOE0:00:00
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy