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क्या
?
किनका ?
कहाँ?
खण्ड-२
२१३ २१४ २१८
२२१
तल से शिखर तक
(पृ. २११ से २७६ तक) (साधना के शिखर पुरुष उपाध्याय श्री का जीवन वृत्तांत)
लेखक : आचार्य सम्राट् श्री देवेन्द्र मुनि १. मंगलम् ! २. अक्षयवट का प्रस्फुरण ३. साधना-शिखर का यात्री ४. राजहंस की ऊँची उड़ान ५. शिक्षा, सेवा, साधना के ज्योति स्तम्भ ६. सद्गुणों के शान्त शतदल ७. हिमशिला पर अंगारे ८. श्री ज्येष्ठ गुरु जाप ९. आध्यात्मिक साधना : उपलब्धियाँ व चमत्कार १०. संगठन के सजग प्रहरी ११. शिखर-समागम १२. चलते चलो अकेले राम ! किसने बाँधा है आकाश ! १३. अभिनन्दन ग्रन्थ का समर्पण १४. पूना-श्रमण सम्मेलन १५. चातुर्मास तालिका
टिम-टिम करते तारे ! १७. संगठन के सजग प्रहरी १८. महोत्सव और महोत्सव
२२५ २२८ २३० २३३
२३४ २३७ २४०
२४९
२५२
२५३ २५५ २५६ २६० २६४
संस्मरण
२६७
२६७
१९. केसर की वर्षा २०. कितने मिलनसार, कितने भले ! २१. साधुता के पर्याय २२. अध्यात्म यात्रा-स्मृतियाँ
श्री नाथूराम जैन तपस्वीरत्न श्री मगन मुनि जी म. डॉ. महेन्द्र सागर प्रचंडिया पं. मुनि श्री नेमीचन्द जी म.
२६९
२७२
खण्ड-३
वाग देवता का दिव्य रूप (पृ. २७७ से ४१८ तक)
२७९
आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी
१. गुरुदेवश्री की साहित्य-स्रोतस्विनी २. जैन कथा वाङ्मय का अमृत-मन्थन ३. जैन कथाएँ भाग १ से १११ तक में आये हुए
प्रमुख पात्रों के नाम व आधार ग्रंथों की सूचनिका
२९५
आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी
२९८