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________________ क्या ? १९२. माला का एक मोती १९३. हम पर उनके अनन्त उपकार हैं १९४. उपाध्यायश्री विश्व-मैत्री के प्रतीक थे १९५. हे सौम्य मूर्ति शत-शत प्रणाम ! १९६. अवर्णनीय उपकार है १९७. जन-जन की श्रद्धा के केन्द्र १९८. उनका नाम ही गुणों का पर्याय १९९. अद्भुत लोकप्रिय सन्त २००. गुरुवर गये सही, पर मिटे नहीं २०१. असहनीय दुःख २०२. हार्दिक श्रद्धांजलि २०३. नाम के अनुरूप थे वे २०४. जैसे सूर्य अस्त हो गया २०५. अमर व्यक्तित्व के धनी थे वे २०६. मुझ पर उनकी कृपा दृष्टि थी २०७. श्रद्धा सुमन २०८. अनन्त सद्गुणों के पुञ्ज २०९. उनकी स्मृति को शत-शत नमन २१०. समाज और संस्कृति के प्रहरी २११. जप ध्यान साधना के अद्भुत २१२. प्रेरणा के पावन प्रतीक २१३. भावभीनी श्रद्धार्चना धनी २१४. सत्य के तेज पुंज थे वे २१५. भावभीनी वन्दना २१६. सरलता के ज्योतिर्मय रूप थे वे २१७. जीवन शिल्पी गुरुदेव २१८. परम उपकारी थे गुरुदेव २१९. कोटि-कोटि वंदन २२०. तेजस्विता का ज्वलन्त उदाहरण २२१. श्रद्धा के दो पुष्प २२२. गुरुदेव संघ के गौरव थे २२३. गुणपुंज गुरुदेव के चरणों में २२४. कोटि-कोटि अभिनन्दन-वन्दन २२५. सद्गुणों के पुंज गुरुदेवश्री : २२६. सच्चे जंगम तीर्थ पुष्कर मुनि जी २२७. निस्पृह संत २२८. श्रमण संघ के वरिष्ठ संत २२९. असीम उपकारी गुरुदेवश्री २३०. महान् व्यक्तित्व के धनी २३१. संगठन के प्रबल समर्थक थे गुरुदेव किनका ? धर्मचन्द ललित ओसवाल मोहनलाल चौपड़ा सुमतिकुमार जैन जैन भूषण शिरोमणिचन्द्र जैन बद्रीलाल जैन अभिभाषक शांतिस्वरूप जैन कपूरचंद जैन बाबूलाल सिरेमल जी लुंकड जितेन्द्र नगावत एवं परिवार आर. सी. रुणवाल श्री एवं श्रीमती पारसमल बोहरा बी. सज्जनराज सुराणा सुभाष जैन देवेन्द्रनाथ मोदी धर्मीचन्द जैन लुगावत रामस्वरूप जैन चुन्नीलाल धर्मावत राजेन्द्र नगावत जैन डॉ. राजकृष्ण दूगड़ भेरूलाल सिंघवी डालचन्द परमार ताराचंद परमार गणेशलाल पालीवाल कालूलाल ढालावत सुभाष कोठारी जवरीलाल कोठारी निहालचन्द कोठारी मूलचंद कोठारी कांतिलाल कोठारी खेमचन्द कोठारी भंवरलाल मेहता खेतरमल डोसी राजकुमार जैन अशोककुमार बाघमार चांदमल मेहता रतनलाल मारू पदम कोठारी अम्बालाल सिंघवी गणेशलाल भंडारी इन्द्रचन्द मेहता २५ कहाँ ? ११६ ११७ ११७ ११७ ११७ ११८ ११८ ११८ ११८ ११८ ११९ ११९ ११९ ११९ ११९ ११९ १२० १२१ _१२१ १२२ १२३ १२३ १२४ १२४ १२५ १२५ १२५ १२६ १२६ १२७ १२७ १२८ १२८ १२९ १२९ १३० १३१ १३१ १३१ १३२
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
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