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चादर समर्पण श्रमणसंघ के प्रवर्तक आदि वरिष्ठ मुनिवरों ने मिलकर सामूहिक रूप में समस्त श्रमणसंघ की आस्था, विश्वास, समर्पण एवं एकसूत्रता की प्रतीक पवित्र चादर आचार्य श्री को ओढाई।
समस्त श्रमणी समुदाय ने चादर को स्पर्शकर अपनी आस्था एवं समर्पणनिष्ठा से दृढ़ सूत्र से जोड़ दिया।
इसी पवित्र चादर को स्पर्शकर श्रावक-श्राविका समूह ने अपनी एक निष्ठा और आस्था का बल संयुक्त कर दिया। कांफ्रेंस के अध्यक्ष, मंत्री व श्रावक संघ के वरिष्ठ श्रावकों ने समूहबद्ध होकर आचार्यश्री को चादर समर्पित की। आचार्यश्री के सामने बैठे हैं नव- दीक्षित साधु-साध्वी।