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आचार्यश्री आनन्द ऋषिजी के पास खड़े हैं-सद्यः मनोनीत उपाचार्यश्री देवेन्द्र मुनिजी, एवं युवाचार्य डॉ. शिव मुनिजी ।
पूना श्रमण सम्मेलन के विहंगम दृश्य
इतिहास सदा जीवित रहता है स्मृतियों में, श्रुतियों में। सन्त सदा शाश्वत बन जाता है सुन्दर कृतियों में | मंच पर विराजमान :
अपने उत्तराधिकारियों के नाम की घोषणा करते हुए परमृ श्रद्धेय राष्ट्रसन्त श्रमण संघ के द्वितीय पट्टधर आचार्य सम्राट श्री आनन्द ऋषिजी ।
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उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा के पश्चात् आचार्यश्री को वन्दना करते हुए उपाचार्यश्री एवं युवाचार्यश्री
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