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विश्व सन्त की सम्मानित चादर
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भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह जी उपाध्यायश्री के आध्यात्मिक व्यक्तित्व से विशेष प्रभावित रहे हैं। दिल्ली (सन् १९८४) में उपाध्यायश्री द्वारा लिखित ग्रन्थ 'ब्रह्मचर्य विज्ञान' का लोकार्पण राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह द्वारा किया गया। पास में विराजित हैं आचार्यश्री देवेन्द्र मुनिजी तथा श्री दिनेश मुनिजी, दूसरी ओर वाणीभूषण श्री अमर मुनिजी तथा साथ में खड़े हैं। कांफ्रेंस के तत्कालीन महामंत्री अजीतराजजी सुराणा तथा युवानेता श्री सुभाष ओसवाल।
उपाध्यायश्री को विश्व सन्त की चादर समर्पित करते हुए ज्ञानी जैलसिंह