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• साधना के शिखर पुरुष गुरुदेव
उपाध्याय श्री पुष्कर मुनिजी म. की प्रेरक, उज्ज्वल और शाश्वत जीवन सन्देश देने वाली कृतियों/स्मृतियों का अक्षय स्मृति कोष है यह स्मृति
ग्रंथ ।
● गुरुदेव श्री के लोक मंगल व्यक्तित्व की प्रकाश किरणें विकीर्ण हैं इसके प्रत्येक पृष्ट पर।
• दर्शन, संस्कृति, इतिहास और जनमंगल धर्म के शास्वत स्वर का अभिगुंजन है इसके हर स्पन्दन और हर आलोडन में।
• जैन विद्या के प्रख्यात मनीषी और चिन्तक आचार्य श्री देवेन्द्र मुनिजी के कुशल निर्देशन/सम्पादन से प्रस्तुत यह स्मृति ग्रंथ स्मृति ग्रन्थों की उज्ज्वल परम्परा में एक दीप्तिमान नक्षत्र सिद्ध होगा, यह पाठक स्वयं अनुभव करेंगे।
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