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साधना के शिखर पुरुष उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति-ग्रन्थ
के विमोचन/लोकार्पणकर्ता परम गुरुभक्त उदारमना सेठ श्री डॉ. चम्पालाल जी देशरडा
एवं धर्मशीला सौ. प्रभा बाई देशरडा (औरंगाबाद)
उदार हृदय डॉ. चम्पालाल जी देशरडा सभी प्राणी जीवन जीते हैं, परन्तु जीना उन्हीं का सार्थक है जो अपने जीवन में, परोपकार, धर्माचरण करते हुए सभी के लिए सुख और मंगलकारी कर्तव्य करते हों। औरंगाबाद निवासी डॉ. श्री चम्पालाल जी देशरडा एवं सौ. प्रभा देवी का जीवन ऐसा ही सेवाभावी परोपकारी जीवन है।
श्रीयुत चम्पालाल जी के जीवन में जोश और होश दोनों ही हैं। अपने पुरुषार्थ और प्रतिभा के बल पर उन्होंने विपुल लक्ष्मी भी कमाई और उसका जन-जन के कल्याण हेतु सदुपयोग किया। आप में धार्मिक एवं सांस्कृतिक अभिरुचि है। समाज-हित एवं लोकहित की प्रवृत्तियों में उदारता पूर्वक दान देते हैं। अपने स्वार्थ व सुख-भोग में तो लाखों लोग खर्च करते हैं परन्तु धर्म एवं समाज के हित में खर्च करने वाले विरले होते हैं। आप उन्हीं विरले पुरुषों में हैं।
आपके पूज्य पिता श्री फूलचन्द जी साहब तथा मातेश्वरी हरकू बाई के धार्मिक संस्कार आपके जीवन में पल्लवित हुए। आप प्रारम्भ से ही मेधावी छात्र रहे। प्रतिभा की तेजस्विता और दृढ़ अध्यवास के कारण धातुशास्त्र (Metullurgical Engineering) में पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त की।
आपके सुपुत्र हैं-श्री शेखर। वह भी पिता की भाँति तेजस्वी प्रतिभाशाली हैं। अभी इन्जीनियरिंग परीक्षा समुत्तीर्ण की है। शेखर जी की धर्मपत्नी सौ. सुनीता देवी तथा सुपुत्र श्री किशोर कुमार हैं।
आप अनेक सेवाभावी सामाजिक संस्थाओं के उच्च पदों पर आसीन हैं। दक्षिण केसरी मुनिश्री मिश्रीमल जी महाराज होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, गुरु गणेश नगर, औरंगाबाद के आप सेक्रेटरी हैं। संत-सेवा, साहित्य-सेवा, समाज-सेवा एवं मानव-सेवा के कार्यों में आप बिना किसी विज्ञापन के तन-मन-धन से सेवा एवं सहयोग करते रहते हैं।
Jain Ede