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२८ : डॉ० महेन्द्रकुमार जैन न्यायाचार्यं स्मृति ग्रन्थं
श्री
बाबूलाल जैन
फागुल्ल
संस्कृत और प्राकृत ग्रन्थोंके अधुनातन कलापूर्ण मुद्रण और प्रथम पंक्तिके जैन मनीषियोंके अभिनन्दनग्रन्थोंके लब्धप्रतिष्ठ मुद्रक श्री बाबूलालजी जैन फागुल्लका जन्म सन् १९२६ ई० में बुन्देलखण्डके ललितपुर जिलेके मड़ावरा ग्राम में हुआ । श्रीवीर विद्यालय, पपौरा और श्री स्याद्वाद महाविद्यालय, वाराणसी आपके प्रशिक्षण केन्द्र थे । मुद्रणके क्षेत्र में श्री फागुल्लजीका प्रवेश भारतीय ज्ञानपीठके व्यवस्थापकके रूपमें हुआ, जहाँसे उन्होंने अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ प्रकाशित किये। सम्प्रति महावीर प्रेस, भेलूपुर, वाराणसीके स्वत्वाधिकारी हैं | अपने मिलनसार व्यक्तित्व और कार्यक्षमताके आधार पर श्री फागुल्लजी सर्वत्र यश: अर्जित कर सके । श्रेष्ठ ग्रन्थोंके मुद्रण-कार्य में आप अनेक बार पुरस्कृत हो चुके हैं ।
सरस्वती-वरदपुत्र पं० बंशीधरजी व्याकरणाचार्य के अभिनन्दन ग्रन्थके प्रबन्धन में श्री फागुल्लजीकी भूमिका, क्षमता और दायित्वबोध नितरां प्रशस्य रहा है । प्रस्तुत स्मृति ग्रन्थ के सृजनमें प्रशस्य योगदान है ।
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