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भोपाल, श्री सन्तोष भारती, दमोह, डॉ० भागचंद भास्कर, नागपुर, डॉ० रतनचंद्र भोपाल, श्री रतन पहाड़ो कामठी एवं संचालक श्री निर्मल जैन सतना ने देर रात तक काव्यपाठ किया ।
२० अप्रैल को प्रातः समापन सत्र आयोजित हआ इसमें संयोजक डॉ० कासलीवालने संगोष्ठी का ववरण देते हुए इसकी सार्थकता एवं उपयोगिता पर विद्वानोंके अभिमत लिये तथा आगेके कार्यक्रमों पर सुझाव लिये । निर्णय हुआ कि पं० महेन्द्रकुमारजीके कार्यों का लेखा-जोखा सुरक्षित करनेके लिये एक स्मृति-ग्रन्थ का प्रकाशन किया जाय एवं उनकी अप्रकाशित सामग्री प्रकाशित की जाय। उनके जन्म दिन बुद्ध पूर्णिमा को प्रतिवर्ष कोई न कोई आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया जाय।
आयोजकोंने विद्वानों का आभार मानते हुए उनका सम्मान किया। विद्वानोंने भी संगोष्ठीके प्रभावपूर्ण आयोजन, समुचित व्यवस्थाओं एवं स्नेहपूर्ण आतिथ्य के लिये आयोजक डॉ. अभय चौधरी एवं डॉ० आशा चौधरी तथा स्थानीय जैन समाज के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।
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