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संग्रहीत एवं प्राप्त सामग्री को सम्पादित करना एक दुस्तर कार्य था । एतदर्थ सम्पादकमण्डल की बैठकों में पारायण हुआ । इस कार्य में प्रधान सम्पादक परमश्रद्धेय डॉ० दरबारीलाल जी कोठिया, तथा सम्पादक मण्डल के माननीय सदस्य पं० हीरालाल जी कौशल, डॉ० कस्तूरचन्द्र जी कासलीवाल, डॉ० 'भागेन्दु' जैन, डॉ० फूलचन्द्रजी प्रेमी और प्रबन्धक सम्पादक श्री बाबूलाल जैन फागुल्ल के सहयोग विशेष उल्लेखनीय हैं । सम्पादकमण्डल के सभी मनीषी सदस्यों की बहुज्ञता का लाभ / सहयोग निरन्तर प्राप्त किया गया है । अतः सभी के प्रति हृदय से आभारी हैं ।
ग्रन्थ प्रकाशन समिति परमपूज्य प्रातः वन्दनीय श्री १०८ उपाध्याय ज्ञानसागर जी महाराज को सादर निमोऽस्तु निवेदित करते हुए इस महनीय ग्रन्थ को उनके शुभाशीष, सत्प्रेरणाओं की फलश्रुति के रूप में आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रही है ।
स्मृति ग्रन्थ प्रकाशन समिति के माननीय अध्यक्ष श्रीमन्त सेठ डालचन्द्रजी जैन (सागर) तथा अन्य सभी पदाधिकारी एवं सदस्यगण, परामर्शदातृ मंडल के सदस्यगण, ग्रन्थ हेतु सामग्री प्रदान / प्रेषित करने वाले लेखक और कवि मित्र तथा आर्थिक सहयोग प्रदाताओं - विशेष रूप से डॉ० श्रीमती आशा चौधरी एवं डॉ० अभय चौधरी (भोपाल) तथा श्रीमती मधु जैन एवं श्री अरविन्द जैन (मुंबई) के प्रति "न्यायाचार्य डॉ० पं० महेन्द्रकुमार जैन स्मृति ग्रन्थ प्रकाशन समिति” हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करती है। ग्रन्थ का मुद्रण कार्य पर्याप्त दिलचस्पी से करने हेतु महावीर प्रेस, वाराणसी को हार्दिक साधुवाद अर्पित करता हूँ ।
अन्त में एक साधक और भगवती श्रुतदेवता के आराधक महामनीषी न्यायाचार्य पं० (डॉ० ) महेन्द्रकुमार जी का जीवन और कृतित्व भारतीय मेधा को स्फूर्त करे एवं प्रेरणा का स्रोत बने, इस भावना के साथ यह ग्रन्थ सभी को सादर अर्पित है ।
भोपाल
वीर शासन जयन्ती
वी०नि०सं० २५२२ ३१-७-१९९६
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विनीत
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(डॉ० भागचन्द्र जैन " भागेन्दु " ) मंत्री
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