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चित्र १: पृष्ठ ५०, पंक्ति ४-५
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आगे-पीछे चित्र १-४ वि. सं. १८६७ में, मेडतेके श्रीसंघकी ओरसे वीरमपुर(वीरमगाम-गुजरात)स्थित तपागच्छके आचार्य श्रीविजयजिनेन्द्रसूरिको भेगे गये विज्ञप्तिपत्रका चित्रविभाग
(देखिये पृ०५०)
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चित्र २: पृष्ट ५०, पंक्ति ५-७
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