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. तेजस्वी प्रभाषक जैनाचार्य थे। 'सौराष्ट्र केसरी' 'शासन प्रभावक' आचार्य श्री भुवनरत्नसरिजी महाराज जिनके अल्प परिचयमें आनेका मुझे अवसर मिला है। एकदम निखालस, स्पष्टः विचारधारावाले तेजस्वी प्रभाषक जैनाचार्य थे । उनसे मिलनेवाले व्यक्तियोंको उनकी आत्मीयता सहजमें आकर्षित करती थी। विचारोंमे ढता, कार्य में निष्ठा, व्यक्तित्वमें आर्कषण, प्रवचनमें गंभीरता आदि कई विशिष्ठ गुण उनमें नजर आते थे।
जब-जब मुझे वे, मिले उनके प्रेमपूर्ण व्यवहारसे में खूब प्रभावित बना । अपने जीवनकालमें उन्होंने खूब सुंदर जिन शासनकी प्रभावनाभी की है।
उनके धर्म प्रवचनासे अनेक आत्माओने अपनी श्रद्धा निर्मल की है। जिनशासनके उस महान आचार्य का मैं अपनी भावांजलि अर्पण करता हूँ।
आचार्यश्री पद्मसागरसूरि महाराज
बम्बई
મોક્ષમાગથી આપણે ઘણું દૂર પણ
२-५७ भाटभुभमनन३री.