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on sains
बिघन हरण मंगल करण अजितवीर्य भगवान । वंदूं जिनवर चरण को गुण नहीं होंए बखान ॥ दिगम्बर मूर्ती अहंत मुद्रा त्याग बाना है। तुम्हारे चरण कमलों को जगत.ने पूज्य माना है ।।
x. Gott
OBEISANCE
TO
THE LIVING MASTER (TIRTHAMKARA) PARAMATMAN
AJIT VEERYA IN THE VIDEHA KSHETRA
AND
THE ACHARYA PROPOUNDERS OF THE JAINA SIDDHANTA.
Presented ley the