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APPENDIX A
एयो विवक्क्यिं वा कुजादाणंहि थावर सुवत्थु । प्रादा पिदा हु भावय जेठं भाय गदुगं पुणे अण्णा ॥८॥ सव्वे सम सग्गा हुय तेणहं कलहो नसं होई । मादा सु दधयाना बिग्गा भागं सुभाय णमितं ॥९॥ गिणहादि लंवडाबिहु वुत्थो रुग्गोरु गयछहो कामी ।
दो वेसासत्तो गिण्हइ भायं जहाचियं तथ्थ ॥१०॥ अलय सब समंसा समंसिया अंगणाहु संकुज्जा। जणये गण विभाऊ अहम्मदे कज्जये कयाकुत्थ ॥ ११ ॥ जइचेदु' करिन तहा अपमाणं हाइसवत्थ । सत्त विसणा सेवी विसयी कुट्ठो हु वाहि उ विमुहो ।॥ १२॥ गुरु मत्थय विमुहो बिय अहियारी णेब रारि सो होइ। जिठो गिण्हेइ धणं जं बिहुणिय जणय तजणय जपणं ॥१३॥ रक्खेइ तं कुडंबो जह पितरौ तह समग्गाई। उठाहु जादुहिदरोणिय णिय मायं सधणस्स भायरिहा ॥१॥ तह भावे तस्स सुया तह भावे णिय सु उ बावि। अबिमत्त बिभत्त धणो मुक्ने सा होइ भामिणी तत्थ ॥ १५ ॥ भत्तरि पढ़े बिमदे बायाइ सुरुग्ग गहले वा। खेतं वत्थु धणं वा धणु दुपय चदुपयंचावि ॥ १६ ॥ जेट्टा भायरिहा सा सा या कुटुंव सुपालेई । पुत्तो कुडुंबजो बा मजोला दु सुसंकिउ बाणो ॥ १७॥