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श्रीवीतरागाय नमः जैनइतिहाससोसाइटी. जैनइतिहासमरीज नं०१
अर्थात् जैनवर्मपर अंग्रेजीका व्याख्यान.
जो कि बार बनामीवाम एम्. ए. एल. एल. बी. एम. आर. ए. एम. इंघमा र हिग्गिा कॉलेज लश्करने २९ दिसेम्बर १९०१. को मथराके धर्ममहामहोत्सवमें दिया था.
जिसकी रिवादीनिवासी वाव देवीसहाय हेडलार्क अकौंट आफिस नाहन ज्याइंट सझंटी जैनइतिहास सोसाइटीने हिन्दीमें विस्तार पूर्वक उल्या किया
और आकल, जनिवासी शेर नाथारंगजी गांधीके प्रबंधसे
मुंबईक * अगदीवर अपारवानामे उपाकर प्रसिद्ध किया. संवत् १९६१ सन १९०४ ईसवी.
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जन मनको पानामा रमादान एम. एस. एल. बी. एम्. आर. ए. एल. ने पालय का साथ दशाया है- पायोनियर.)
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