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[210] सं २०३० माघ शु०५ सकल संपेन श्री वीर पाकुका कारापितं स्थापित भो पावापूर्ण। माम हितायः श्री रस्तुः॥
बिहार।
बिहार वा सूवे बिहार का प्राचीन नाम “तुंगिया नगरी” था। निकट में विशाला नगरी जी थी। जैन सहर था, पश्चात् बौद्ध लोगों के समयसे “विहार” नाम प्रसिद्ध जया।
धातुओं के मूर्ति पर। मथियान महल्ला।
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सं० १४३७ श्री -- तिनाथ प्रति सा पद्मसिंहेन समस्त परिवार युतेन निज पितृ सा देव्हा पुण्यार्थ का० प्र० श्री जिनराज सूरि ।
[212] प० ॥ सं० १४६ए बर्षे माघ सुदि ६ दिने उकेश वंशे सा सामंत पुत्रेण सासषमणेन पुत्र रतना नरसिंह नयणा जा - दादि परिवार सहितेन निज पुण्यार्थ श्री शांतिनाथ बिवं कारित प्रतिष्ठितं खरतर गछे श्री जिन बर्द्धन सूरिनिः ॥
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___ सं० १५०६ माघ सुदि ५-- लोढ़ा गोत्र --- पुत्र काकाकेन ना जाऊ श्री पु० -- माला - ना हेम -- नाथू ना कुझिमदे खश्रेण धर्मनाथः का० प्र० चैत्रा गडे श्री मुनि तिषक सूरि।