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मोत्रे नानकचंद जीवनदास प्रवृ । ज० । श्री जिन नंदीवर्द्धन सूरी तशिष्य मुनि पयः जय उपदेशात् ।।
श्री सुधर्मा खामीजीके चरणोपर ।
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सं० १९३५ मि श्राप शुक्ल ५ इदं पाकुका श्री सुधर्मा खामी कारापितं थोसवाल ज्ञातों धाड़वा गोत्रे - न सुख प्रतिष्ठितं वृाजा श्री जिन नंदीबर्द्धन सूरि तत् शिष्य मुनि पराजय उपदेशात् ।
पामे तर्फकी गुमटीमें १६ चरणोपर ।
[ 184] संघत १९३१ का मिती माघ शुक्ल १० तिथौ चंबारे श्री बृहत् गुजराती गुंका गर्छ। श्री पूज्याचार्य श्रीश्री १०७ श्रीश्री अक्षयराज सूरि तत्पट्टालङ्कार श्री अजयराज सरि चरण प्रतिष्ठितं सुश्रावक बाबु श्री प्रताप सिंघजी राय धनपत सिंघजी दूगड़ गोत्रीयण पोड़श महासती चरण कारापितं ॥ श्री शुनंजूयात् ॥ पावापूरीमें - स्थापितं ।।
दाहिने तर्फकी गुमटीमें चरणपर ।
[185] ॥ संघत १७५३ वर्षे आषाढ शुदि पञ्चमि दिने गणि दीप विजयणा पाऊका० ॥
गांव मंदिर - पावापूरी। पंचतीर्थीपर ।
[186] सं० १५१९ थापाद यदि १० मंत्रिवतिय श्री उसियड़ गोत्रे सा मेघराज सु० जिपदास