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अन-विविघ-साहित्य-शाखमाला [८1
जैन लेख संग्रह । कतिपय चित्र और आवश्यक तालिकायों से युक्त ।
प्रथम खण्ड।
संग्रह कर्ता पूरणचन्द नाहर, एम. ए., बि. एल., वकील, हाईकोर्ट, रयाल एसियाटिक सोसायटी, एसियाटिक सोसायटीगाल,रिसार्च सोसाइटी बिहार-उड़िसा आदि के मेंबर, चिश्वविद्यालय कलकत्ता के परीक्षक इत्यादि २
पीरसंवत् २४४४