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सा वीदाकन जा नषी सहितेन स्वश्रेयसे श्री पार्श्वनाथ बिवं कारित प्रतिष्ठित श्री खर तर गछे श्री जिना सूरिभिः ॥ श्री पूंजणू वास्तव्य ।
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सं० १५१६ कार्तिक पदि र रबी श्री उएस बंशे लोढ़ा गोत्रे सा गजू ना० पीमिणि पु० सा गजसी जा चूरा पु० सा० धना ना धर्मादे पु० सा समधरेण जा सूहवदे सहितेन वृद्ध जात नरपति संसारचंड पुण्यार्थ श्री थादिनाथ विवं कारितं प्रतिष्ठितं रुष पल्लीय गछ श्री सामसुन्दर सूरिनिः ॥
{ 123] सम्बत १५२२ वर्षे कार्तिक बदि ५ गुरौ श्री उएस बंशे। स० घड़ीया नायर्या कपूरी पुत्र स० गोवस ना लखमाद पुत्र खेताकेन जातृ पितृ पितृव्य मातृ श्रेयसे श्री अंचलगछाधिराज श्रीश्री जयकेशरि सुरीणामुपदेशेन श्री चंप्रज स्वामी विवं कारितं प्रतिष्ठितं श्री सकेन ॥ कदेशे धमड़का ग्रामे ॥ श्री॥
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सं० १६३४ बर्षे फाण् श्रु० - शः पत्तने सं० माइणना समस्त कुटुम्ब युतेन श्री श्रेयांस नाथ विंग का प्र० श्री बृहत्तपा गाधिराज श्री हीरविजय सूरिनिः॥
॥श्री शीतलनाथ स्वामीका मन्दिर--माणिकतला ॥
[125] सं० १५५६ वर्षे बैशाख यदि १ रयो श्री श्रीमाल श्रेष्ठि श्रवण ना काउं सु० पितृ वीरा मातृ नाणादे श्रेयोर्थ सुत माहाकेन श्री नेमिनाथ बिवं कारितं श्री-पू-ए - रत्नसरि पट्टे श्री साधुसुन्दर सूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितो विधिना श्री सोना आमेण वास्तव्यः ।