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संवत् १५५८ वर्षे. - सु० ११ गुरी उपकेश ज्ञातीय श्री रांका गोत्र साप तध सुत साब्बूहडेन महराज महिय युतेन आत्म श्रेयसे श्री मुनि सुव्रत स्वामि विंवं कारित प्रतिष्ठितं श्रीमदूकेश गच्छे श्री ककुदाचार्य संताने श्री कक्कसूरि पह श्री देव गुप्त सूरिभिः ।
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सं• १५६१ वर्षे पोस यदि ५ सोमे ओश वंशे लोढ़ा गोत्रे तउघरी लाघा भार्या / मेह्मणि सु० प्रेम पाल -- सुश्रायकेण तेजपाल श्रेयोर्थं श्री अञ्चल गच्छे श्री भाव सागर सूरिणामुपदेशेन श्री आदि नाथ विंवं का० प्र० श्री र-
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सं०
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१६६१ वै० सु० अ० भ० सटी
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सं० १९३१ मोघ शुक्ल पक्षे द्वा• तिथो १२ बुधे श्री ऋषभ जिन बिंबं फारित अलवर नगर वास्तव्य श्री संग मलधार पुनमियां विजय गच्छे सार्वभौम भट्टारक श्री जिन चंद सागर सूरि पहालंकार सोभित श्री जिन शांति सागर सूरिभिः प्रतिष्ठितं मधुबन मध्ये ।
पटना म्युझ्यम |
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संवत् १८७४ शाके १७३८ प्रवर्तमाने शुभ येष्ठमासे कृष्ण पक्षे पंचम्यां तिथौ सोमदिने श्री व्यवहार गिरि शिखरे श्री शांतिजिन चरण प्रतिष्टितं भट्टारक श्री जिनहर्ष सूरिभिः ॥