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________________ ( २९५) वीरवाडा (सिरोही) महावीर स्वामी का मंदिर। ( 53 ) सं० १९१० वर्षे महणा मा० कपूर दे. पु० जगमालेन मा० सुतलदे पु०कड्या देल्हा सम वीरवाडा ग्राम श्री महावीर चैत्योहारः कारितः कछोलीवाल गच्छे श्री मरचंद्र सूरि प? श्री रत्रम सूरीणामुपदेशेन प्रतिष्टितः । मंगलं ॥ प्राग्वाट ज्ञातीयः । बसंत गढ़ (सिरोही) (किले के अन्दर जैन मंदिर के मूर्ति पर। ( असन के दोनो तरफ पीठ पर) ( 934 ) सं० १५०७ वर्षे मात्र सुदि ११ वुधे राणा श्री कुंम कर्ण राज्ये वसंत पुर चैत्ये सदद्वार कारको प्राग्वाट व्य. मगड़ा मा० मेघादे पुत्र व्य० संडनेन भा. माणिक दे पुत्र कान्हा पौत्र जोणादि युतेन प्राग्वाद व्य. धणसी मा. लीवी पुत्र व्य० भादान मा० आल्ह पत्र जावडेन भोजादि युतेन मूल नायक. श्री शांतिनाथ विवं कारितं प्रतिष्टिन सपा श्री सोम सुन्दर सूरि तत्पहालंकरणं श्री मुनि सुन्दर सूरि श्री जय चन्द्र सूरि पह प्रतिष्ठित गरछाधिराज श्री रत्न शेषर सूरि गुरुमिः । पालडी (सिरोही) ( 935 ) सं० १२१८ बर्ष माघ सुदि १० गुरौ अद्येह शो नदूले महाराजाधिराज श्री केल्हण देव राज्ये तत्पुत्र राज श्री जयत सीह देवो विजयी ज.. तत्पादपद्मोपजीविन महा
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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