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[12] संवत १०० मिति थाषाढ़ सित ए गुरौ श्री श्रादिनाथ विवं प्रतिष्ठितं । बृहत खरतर जहारक गलेश ज० । श्री जिन हर्ष पट्टे दिनकर ज० श्री जिन सौलाग्य सुरिजिः कारितंच श्रीमाल बंशे टाक गोत्रे मोहया दास पुत्र हनुतसिंहस्य नार्या फूलकुमार्या स्यश्रेयोर्थ ।
॥ श्री नेमिनाथजी का पंचायति मन्दिर ॥
[13] संवत १५११ व० माघ सु० ५ सोमे उसवाल ज्ञाती लिगा गोत्रे समदडीया उडकेण सुड्डा ना० सुहागदे पु० कम्माकेन ना0 कस्मीरदे पु० हेमा संसारचंद देवराज युतेन खश्रेयसे श्री नमिनाथ विंबं का रितं श्री उपकेश गछे श्री कुकुदाचार्य संताने प्र० श्री कक्क सूरिनिः ।
[14] संवत १५५३ वर्षे बैशाख बदि ५ गुरौ उसवाप्त ज्ञातो कटारीया गोत्रे सा सरवण जा राणी सुत सा सिंघा ना सोमसिरि सु० सा था नाना नार्या विरणि सुत सारा पुनपाल साण सोनपाल सुरपति प्रमुग्ध कुटुंब युतेन स्वयसे श्री पार्श्वनाथ विवं कारितं प्रतिष्ठितं च । श्री लक्ष्मीसागर सूरिनिः ॥ श्री॥
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संवत १५५३ वर्षे वैशाग्य सुदि ® प्राग्वाट झा व्यव० षेता नार्या मदी सुत व्य जोजाकेन ना राजू बातृ राजा रत्ना देवा सहितेन स्वपुर्विज श्रेयार्य श्री शांतिनाथ विंबं का प्र० तपागछे श्री हेम विमल सूरि श्री कमल कलस सूरिनिः सिरुना बास्तव्य ।
संवस १६१५ वर्ष वैशाख पनि १० सामे जबाउ वास्तव्य दुवड ज्ञातीय मंत्रीश्वर गोत्र