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प्रोसियां। ओसियां एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थान है, विशेषकर ओसवालों के लिये यह तीर्थ रूप है। यहां पर बहससे प्राचीन कीर्ति चिन्ह विद्यमान है। शासन नायक श्री महावीर स्वामीके मन्दिरका कुछ दिनसे जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। सचियाय देवी का मन्दिर भी बहुत जीर्ण हो गया है और भी बहुतसे प्राचीन मंदिर इधर उधर टूटे फूट पड़े हैं ओर समिपमें एक छोटी डूगरी पर मुनियों के अनशनके स्थान पर चरण प्रतिष्ठित है।
मंदिर प्रशस्ति ।
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॥ ॐ ॥ जयति जनन मृत्यु व्याधि सम्बन्ध शून्यः परम पुरुष संज्ञः सर्ववित्सर्व दी। समुर ननुज राजामीश्वरोनीश्वरोपि, प्रणिहित मतिभिर्यः स्मर्यते योगिवय्यः ॥ १॥ मिथ्या ज्ञान धनान्धकार निफरावष्टव्य सद्वोध दृग्दृष्टा विष्टपमुद्भवद् घनघणः प्राणभतां सर्वदा कृत्वा नीति मरीचिभिः कृत युगस्यादौ सहस्रां शुवत्प्रात: प्रास्तसमास्तनोतु भवतां पद्रस नालेः सुसः ॥२॥ यो गाण सर्व निद लिहितां शक्ति मश्रधा नः क्रूरः क्रोड़ा चिकीर्ष्या कृत --- - वृद्ध - . - -- मष्ट्या यस्याहतो सौ मृति मित इयता नामरत्वं यतो भूत्पुण्यः सत्पुण्य वृद्धि वितरतु भगवान्यस्स सिद्धार्थ सूनुः ॥ ३॥ स्यामिन्किं स्वन्निवासालय बन समयोस्माक माहं ---- नस्यावसाने - - - उस महसी काचिदन्याय देष! इत्युभ्रान्तरात्मा हरि मति भयतः सस्व जेशच्य नीचैय्य॑त्पादांगुष्टकोद्याकनक नगपती प्रेरिते व्यांत्सवीरः ॥४॥ श्री मानासीत्प्रारिह भुवि--- येक वीर स्त्रैलोक्येयं प्रकट महिमा राम नामासयेन चक्रे