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JAIN INSCRIPTIONS
जैन लेख संग्रह।
प्रान्त -पूर्व। जिला मुर्शिदाबाद । स्थान अजिमगञ्ज । श्री सुमतिनाथजी का मन्दिर छ ।
धातुर्यों के मूर्ति पर।
51 श्री सरवाल गठे असामूकेन कारित ॥ संतु १११० ४ । ** नाहारा के पूजा के प्रतिष्ठित जिनालयों में यह एक मन्दिर ग्रामकं मध्य भागमें विद्यमान है । स्वगीया श्रीमति मयाकुमर के पुत्र स्वर्गीय बाबु गुलालचन्दनी तत्युत्र संग्रह कत्तीके परम पूज्य पिता राय सेतावचन्द नाहार बाहादुर हैं। पूर्व मन्दिर गङ्गासातसे नष्ट हो जानेसे आप यह नवीन चैत्य संवत १९५४ में निर्माण करवाया है। प्रथम मन्दिरका लेख- ॥ श्री ॥ सं १९१३ मिति वैशाख सुदि ५ शुक्रवासरे श्री जिन भाकि सूरि साखायो र श्री आनन्द बल्लभ गणि । तत् शिष्य पं । प्र । सदालाभ मुनि उपदेशात् श्री अजिमगम वास्तव्य नाहर श्री खड्गसिंहजी तत्पुत्र श्री उत्तमचन्दनी तत्भायाँ श्री मयाकुमर एषः श्री सुमति जिन मासाद कारितः प्रतिष्ठाप्य श्री संवाय समपितश्च विधिना सतां ॥ जं । यु । प्र । श्री जिन सौभाग्य सूरिजी विजय राज्य ॥ श्री रस्तः ॥ कल्याणमस्तः ॥ श्रीः॥ श्रीः ॥१॥
* यह लेख श्री पार्श्वनाथजी के मूर्ति के पीछे खुदा भया है, अक्षर बहोत प्राचीन है। मुसल्मानोंने चितोर दसल करनेके पूर्वमें यह मूर्ति वहां पर थी।