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यति पन्नालालजी मोहनलालजीका घर देरासर।
॥ संवत १५०६ वर्षे भी श्रीमाल ज्ञातीय दोसी दूंगर मार्या म्यापुरि सुत पूजाउन भार्या सोही सुत बीका युतेन आत्मप्रेयसे श्री सुविधिनायादि चतुर्विशति पह कारितः। आगम गच्छे श्री ममासिंह सूरि पट्टे की हेमरल सूरि गुरुपदेशन प्रतिष्ठितः । गंधार वास्तव्य । शुभं भवतु ॥ श्रीः॥
( 392) सं० १५५ वर्षे फा• शु०८ प्राग्वाट सा जोगा मा मरगदे सुत सा० हदाकेन मा. करमी पु० पाल्हादे कुटुम्ब युतेन स्वश्रेयसे प्रोविमलनाथ विवं का. प्रतिष्ठित सपाग श्री सोमसुंदर सूरि प? श्रीरत्नशेषर सूरिभिः ।
( 9 ) सं० १७७१ वै. वदि ५ गुरी माग्वाट ज्ञातीय वृद्धशाषायां सा. प्रेमचंद ग्रामीदास स्वश्रेयसे श्री शांतिनाथ प्रतिष्ठित श्री विजय ऋद्धि सूरिभिः । कलकत्ता अजायब घर ( म्युजियम ) के पाषाणके मूर्तियों पर ।
( 394 ) --संवत १-८१ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १५ गुरी श्रीश्रीमाली ज्ञातीय जंबहरा स. केशव सुत सं० मंडिलक सुत० सं० चांपा भार्या चापलदे सुत सं० ---- भार्या श्री गांगी सुतमेघाकेन भार्या राजु पुत्र सा० माकर सा० मागादि तथा (१) पुत्री जीवणि प्रमुख रामसु(?) कुटुम्ब युतेन निज श्रेयोऽवाशाय श्री श्रेयांसनाथ विवं कारितं ॥ पद तपागच्छ, नायक म० श्री रत्नसिंह सूरि पहालंकरण ० भी उदय बरखा सूरिति श्री शाम सागर सूरियुतो प्रतिष्ठितं।