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( 382) ॥ संवत १९३१ माघ शुक्ले दशम्यां चंद्रवासरे श्री नमिनाथ जिनेंद्रस्य चरण पादुका। जीर्णोद्धार रूपा । अहमदावाद वास्तव्य । सेठ उमा भाई हठी सिंहेन स्थापना कारापिता। पूर्णिमा विजय गच्छे महारक। श्री जिन शांति सागर सूरिभिः । प्रतिष्ठितं ॥
तेजपूर (आसाम) राय मेघराजजीका मंदिर ।
( 383) संवत १५१३ वर्षे वैशाष शुदि ७ रानी श्रीश्रीमाल ज्ञातीय श्रे० सानंद भार्या हीसू सुत पूनसीकेन मातृपित अयोयं श्रीशीतलनाथ विवं कारित प्रतिष्ठितं श्री सूरिभिः ।
( 384 ) सं० १९४३ का मिति वैशाष शुक्ल सप्तम्यां ----
( 385) सं० १९५७ वर्षे ज्ये० शु० १२ तिथौ शुक्रवासरे ॥ श्री जिन कीर्ति सूरि प्रतिष्ठितं श्री जिनदत्त सूरि नाम पादुका का० ।
कलकत्ता श्री कुमरसिंह हल - नं० ४६ इंडियन मिरर स्ट्रीट ।
धातुयोंके मूर्ति पर।
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श्रीपार्श्वनाथ विंव। ब्रह्माण सत्व संयकः प्रियावे सुनः सुपुण्यक श्री द्वः (?) सीलगण सूरि भत्तस्प (?) द्रकुले कारयामास संवत १०३२